देर से शादी करने के होते हैं ये नुकसान, जानें क्या है सही उम्र

शादी के लिए पूरा वक्त लेना सही बात है लेकिन बहुत ज्यादा देरी करने के भी अपने नुकसान हैं. सही उम्र में शादी ना करने से आपको कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है.

शादी का निर्णय हर किसी का पर्सनल होता है लेकिन हमारे समाज में एक उम्र के बाद शादी का प्रेशर बढ़ने लगता है. रिश्‍तेदार, दोस्‍त या फिर खुद घर के लोग शादी को लेकर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं. शादी के लिए पूरा वक्त लेना सही बात है लेकिन बहुत ज्यादा देरी करने के भी अपने नुकसान हैं. आइए जानते हैं कि सही उम्र में शादी ना करने से आपको किन-किन समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है.

झगड़े बढ़ जाते हैं-

ज्‍यादा देर से शादी होने पर जिम्मेदारी और प्राथमिकताएं बदलने लग जाती हैं और कपल एक दूसरे को समझ नहीं पाते हैं. नतीजतन वो एक दूसरे से बात-बात में झगड़ा करते रहते हैं. इसके अलावा उम्र बढ़ जाने पर इगो लेवल भी बढ़ जाता है जिससे लड़ाई झगड़े की सम्भावना बनी रहती है, क्‍योंकि दोनों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं होता है.

फिजिकल इंटीमेसी की कमी- 

अधिक उम्र होने पर ज्यादातर महिलाओं का फिजिकल इंटीमेसी में मन नहीं लगता है और वह उदासीन होने लगती है. इसकी वजह से पति-पत्नी में झगड़ा भी बढ़ जाता है. उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टेरोन कम होने लगता है और उनमें भी इंटीमेसी को लेकर दिलचस्पी खत्म होने लगती है.

इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है-

महिलाओं में 30 की उम्र के आसपास फर्टिलिटी कम होने लगती है. 35 साल की उम्र के बाद तो यह और अधिक तेजी से घटने लगती है. जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती जाती है, उसके गर्भवती होने की संभावना घटती जाती है और इनफर्टिलिटी होने की संभावना बढ़ती जाती है.

रिश्‍ते को ज्‍यादा अहमियत ना देना- 

आज के इस भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग अपने रिश्‍तों से ज्‍यादा करियर को प्राथमिकता देते हैं चाहे फिर वो लड़का हो या फिर लड़की. इस कारण वो सही उम्र में शादी नहीं कर पाते. लेट मैरीज करने के बावजूद वो रिश्‍ते से ज्‍यादा करियर को ही महत्व देते हैं, इससे रिश्‍ते में मनमुटाव होने लगता है.

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