देवस्थानम बोर्ड वापस लेने का कल एलान कर सकती है उत्तराखंड सरकार, लंबे समय से हो रहा विरोध

देहरादून। Chardham Devasthanam Board उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और इसके तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के बारे में सरकार मंगलवार को निर्णय ले सकती है। बोर्ड के संबंध में गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर मंत्रिमंडलीय उपसमिति सोमवार शाम तक अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को सौंपेगी। माना जा रहा है कि मंगलवार को सरकार इस अधिनियम को वापस लेने का एलान कर कर सकती है। सरकार की ओर से पूर्व में तीर्थ पुरोहितों को बोर्ड के संबंध में 30 नवंबर तक कोई न कोई निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था। देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहित लगातार मुखर हैं। इसे देखते हुए उनकी शंकाओं के समाधान के लिए धामी सरकार ने पूर्व में राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की, जो अपनी प्रारंभिक, अनंतिम व अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। मुख्यमंत्री ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए बीते रोज तीन कैबिनेट मंत्रियों सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद की मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। साथ ही उपसमिति को दो दिन के भीतर अपनी संस्तुति देने को कहा।

सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का अध्ययन शुरू कर दिया है। सोमवार को उपसमिति की बैठक होगी और शाम तक वह मुख्यमंत्री को अपनी संस्तुति सौंप देगी। माना जा रहा है कि चारधाम के तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के विरोध को देखते हुए देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम व बोर्ड को वापस लेने और चारधाम के लिए पूर्ववर्ती व्यवस्था लागू करने की उपसमिति सिफारिश कर सकती है। उधर, उपसमिति के सदस्य एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार ने पहले ही साफ किया था कि 30 नवंबर तक इस विषय पर वह निर्णय ले लेगी। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया है।

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