देहरादून। साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग ने अपने सीएसआर प्रोग्राम पुण्य लाइफ फाउंडेशन के तहत लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए एक और बेहतर पहल की है। दिल्ली स्थित पुण्य लाइफ फाउंडेशन ने दिल संबंधी बीमारियों को देश से खत्म करने और लोगों को बचाने के लिए इस मिशन की शुरुआत की है। साओल पिछले 20 सालों से ज्यादा वक्त से जनता की सेवा में लगा है और हार्ट डिसीज़ से जुड़े अलग-अलग एजुकेशन प्रोग्राम चलाकर लोगों में जागरुकता पैदा कर रहा है। इस तरह के अबतक 5 लाख से ज्यादा लोगों को गाइड किया जा चुका है। फाउंडेशन ने अब एडु-वैक्सीन के नाम से लाइफस्टाइल को सुधारने का सिंपल और आसान फॉर्मूला तैयार किया है।
इस तरह की फ्री एडु-वैक्सीन के जरिए फाउंडेशन का मकसद अगले पांच सालों में देश के 50 करोड़ लोगों तक पहुंचना है और उन्हें अवेयर करना है। इसी साल फाउंडेशन 5 लाख लोगों को एजुकेट करना का टारगेट हासिल कर लेगा। इस एडु-वैक्सीन प्रोग्राम के तहत फ्री मेडिकल चेक-अप्स कैम्प लगाए जाते हैं। लोगों को 10 मिनट का वीडियो दिखाया जाता है और उन्हें समझाया जाता है कि वो कैसे अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग कार्डियक केयर मेथोडोलॉजी के फाउंडर और एम्स में पूर्व कंसल्टेंट रहे डॉक्टर बिमल छाजेड़ का कहना है कि हेल्थ सेक्टर के लिए कार्डियोलॉजी करोड़ों-अरबों का बिजनेस है और बहुत ही कम डॉक्टर्स हैं जो अपने पेशंट को ये समझाते हैं कि कैसे वो अपने दिल को हेल्थी रख सकते हैं। ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि मरीज के दिल से जुड़ी दिक्कतों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके, ताकि काउंसलिंग और मेडिसिन की मदद से ही बिना किसी रिस्क के मरीज को समय पर ठीक किया जा सके। हार्ट को सुरक्षित रखने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक ये है कि लोगों को हार्ट से जुड़ी चीजें बताई जाएं, उन्हें स्वस्थ शरीर की इंपोर्टेंस समझाई जाए, साथ ही ये भी बताया जाए कि कैसे गलत लाइफस्टाइल उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाती है। एक बार लोग अपनी बॉडी और लाइफस्टाइल को लेकर सचेत हो जाएं तो फिर हमने जो एडु-वैक्सीन मॉड्यूल तैयार किया है वो लोगों के लिए अपनी जिंदगी में उतारना काफी आसान हो जाएगा। इससे फायदा ये होगा कि लोगों की लाइफस्टाइल बेहतर हो पाएगी और वो स्वस्थ रह सकेंगे।दुनिया के तमाम देशों में आज भी हार्ट से जुड़ी बीमारियों के चलते मौत के मामले काफी ज्यादा आते हैं। भारत की बात की जाए तो पूरी दुनिया में दिल के मरीजों के मामलों में ये सबसे ऊपर है और लगातार पेशंट की संख्या में भी इजाफा ही हो रहा है। देश में करीब 8-10 करोड़ हार्ट पेशंट हैं और हर 10 सेकंड में यहां हार्ट की बीमारी के कारण एक मरीज की मौत हो जाती है। यानी हर दिन करीब 9 हजार मौतें दिल के रोगों के कारण होती हैं, और एक साल में ये आंकड़ा 30 लाख तक पहुंच जाता है। मौतों का ये डाटा देखकर कहा जा सकता है कि कार्डियोलॉजी का विज्ञान फेल हो रहा है। पुण्य लाइफ फाउंडेशन भारत का सबसे बड़ा नॉन-इनवेसिव कार्डियक केयर क्लीनिक है। यहां सबसे ज्यादा जोर लाइफस्टाइल ठीक करने, खाने-पीने, मेडिकल और ईईसीपी यानी एक्सटर्नल इको काउंटर पल्सेशन ट्रीटमेंट पर दिया जाता है जिससे दिल को सेहतमंद रखने के लिए दोहरे रास्ते खुलते हैं। साओल के देशभर में ऐसे 100 क्लीनिक हैं जो लोगों के दिल की सेहत सुधारने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।