पेड़ पौधों का जीवन में बहुत महत्व है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो इनसे ही जीवन है। इसके अलावा पेड़ पर लगने वाले स्वादिष्ट फलों से हमें कई पोषक तत्व प्राप्त होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा ही एक पेड़ भी है, जो इतना जहरीला है कि इसे दुनिया का सबसे जहरीला पेड़ कहा जाता है। इस पेड़ का नाम है मैंशीनील। यह पेड़ फ्लोरिडा और कैरेबियन सागर बीच तटों पर पाया जाता है। इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि यह इतना जहरीला होता है कि अगर कोई इंसान इसके संपर्क में आ जाए तो उसके शरीर पर छाले पड़ जाते हैं। इस पेड़ का हर हिस्सा जहरीला है लेकिन इसका फल सबसे ज्यादा जहरीला माना जाता है। अगर कोई इंसान इस फल का एक टुकड़ा भी खा ले तो उसकी मौत हो सकती है। हांलांकि वैज्ञानिक इस फल को चखकर देख चुके हैं। यह फल छोटे से सेब के आकार का होता है। क्रिस्टोफर कोलंबस ने मैंशीनील के फल को मौत का छोटा सेब का नाम दिया है।
इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि ये इतना जहरीला है कि अगर किसी इंसान की आंखों में पहुंच जाए तो वो अंधा तक हो सकता है। जब अचानक बारिश आ जाए तो हम किसी पेड़ के नीचे भी खड़ो हो जाते हैं लेकिन मैंशीनील पेड़ के नीचे खड़े होने से भी इंसानों को नुकसान पहुंच सकता है। इसी कारण लोगों को इस पेड़ के संपर्क में आने से रोकने और इसके फलों को खाने से रोकने के लिए पेड़ों के आस-पास बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिसमें इस पेड़ के जहरीले होने और इससे दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
निकोला एच स्ट्रिकलैंड नाम के एक वैज्ञानिक के अनुसार, एक बार वे और उनके कुछ दोस्तों ने टोबैगो के कैरेबियन आइलैंड के बीच पर थे। वहां उन्होंने इस फल को खा लिया था। इसका स्वाद बेहद ही कड़वा था। वे बताते हैं कि इस पेड़ के फल खाने के कुछ समय बाद ही उन्हें जलन होने लगी और शरीर में सूजन आ गई। हालांकि, तुरंत ही इलाज मिला जाने से उनकी हालत ठीक हो गई।
मैंशीनील के पेड़ की ऊंचाई लगभग 50 फीट तक होती है। इसकी पत्तियां चमकदार और आकार में अंडाकार होती हैं। वैसे तो यह पूरा पेड़ ही जहरीला माना जाता है लेकिन इसका फल सबसे ज्यादा जहरीला होता है हालांकि यह जहरीला भले ही हो लेकिन स्थानीय पारितंत्र में इस पेड़ की अहम भूमिका है। यह पेड़ कैरिबियाई सागर के तटों पर पाया जाता है और मिट्टी के कटाव को रोकने में सहायक होता है।
कैरिबियाई कारपेंटर इस पेड़ की लकड़ियों का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए भी करने लगे हैं लेकिन इसे काटते समय बेहद सावधानी बरती जाती है और फर्नीचर बनना से पहले इसकी लकड़ियों को लंबे समय तक धूप में सुखाया जाता है ताकि इसके अंदर का जहरीला रस समाप्त हो जाए।