केवल विशेष परिस्थिति में ही ऑफिसों में काम करने वाली महिला के सिर से हटाया जा सकता है हिजाब 

ब्रूसेल्‍स। यूरोपीय संघ के शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि कंपनियां अपने यहां पर काम करने वाली मुस्लिम महिलाओं के सिर पर लगे स्‍कार्फ या हिजाब को कुछ खास परिस्थिति में ही हटवा सकती है। शीष्र कोर्ट ने ये फैसला दो मामलों पर सुनवाई के बाद सुनाया है। इनमें से एक मामले में जर्मनी की एक कंपनी में काम करने वाली महिला को इसके लिए सस्‍पेंड कर दिया गया था। आपको बता दें कि हिजाब सिर को ढकते हुए कंधों तक आता है। इसका उपयोग महिलाएं करती हैं। इसको लेकर कुछ वर्षों से यूरोप में बहस चल रही है। वहीं कुछ लोग इसको मुस्लिमों के साथ हो रहे व्‍यवहार से जोड़कर देख रहे हैं।

कोर्ट के सामने आए दोनों ही मामलों में महिलाएं स्‍पेशल केयर से जुड़ी हुई थी। एक अन्‍य महिला म्‍यूलर ड्रग स्‍टोर चेन से जुड़ी थी। जिस वक्‍त उन्‍होंने अपनी जॉब की शुरुआत की थी उस वक्‍त वो इस तरह के हिजाब का इस्‍तेमाल नहीं करती थीं। लेकिन कुछ समय के बाद उन्‍होंने इसको लगाना शुरू कर दिया था। उनको कहा गया कि ये सब कुछ यहां पर करने की इजाजत नहीं है। इसके लिए महिलाओं को सख्‍त हिदायत दी गई थी और कहा गया था कि उन्‍हें सस्‍पेंड तक किया जा सकता है। कंपनी की तरफ से कहा गया था कि उनको यहां पर बिना हिजाब लगाए आना होगा या फिर उन्‍हें दूसरी नौकरी तलाश करनी होगी। अब कोर्ट ने इस मामले में दिए अपने आदेश में कहा कि हिजाब को प्रतिबंधित करना क्‍या धर्म की आजादी का उल्‍लंघन है या इसकी मंजूरी देना बिजनेस के उसूलों के खिलाफ है। या इससे वहां पर आने वाले ग्राहक पर काई असर पड़ता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह का फैसला थोपने से पहले कंपनी को इसके लिए उचित वजह बताने की जरूरत है। यदि कंपनी अपनी छवि को एक न्‍यूट्रल रखना चाहती है, तो वो ऐसा कर सकती है।

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