अब सुअर के दिल से जियेगा इंसान !

न्यूज़ डेस्क/न्यूयॉर्क:  इसे कहते हैं साइंस के जरिये कुछ भी संभव है। अमेरिकी डॉक्टरों ने साइंस में महाचमत्कार कर दिखाया है। अमेरिका के सर्जनों ने एक 57 वर्षीय शख्स में जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर का दिल ट्रांसप्लांट करने में सफलता पाई है। ऐसा मेडिकल इतिहास में पहली बार हुआ है। इस चमत्कारिक प्रयोग से आने वाले समय में अंगदान वालों की कमी से निपटा जा सकता है। अकसर ऑर्गन डोनर नहीं मिलने पर लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है।

मेडिकल साइंस में आ सकती है क्रांति

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल स्कूल ने एक बयान जारी करके इसका खुलासा किया। मेडिकल इतिहास में एक नया चैप्टर शुरू करने वाला यह ट्रांसप्लांट शुक्रवार को किया गया था। हालांकि डॉक्टरों ने यह दावा नहीं किया है कि यह ट्रांसप्लांट मेडिकल साइंस में कितना बड़ा बदलाव लाएगा, या नहीं लाएगा। इससे आगे भी मरीज का इलाज संभव होगा कि नहीं। हालांकि मरीज रिकवर कर रहा है, जिससे कुछ बेहतर की उम्मीद जागी है। डॉक्टर मरीज की हालत पर लगातार नजर रखे हुए हैं। यह दुनियाभर के डॉक्टरों के लिए भी एक बड़ी उम्मीद है।

अंधेरे में तीर चलाने जैसा

डेविड मैरीलैंड में रहते हैं। डेविड ने कहा कि उनके पास सिर्फ दो ही विकल्प थे या तो वे मर जाएं या फिर ट्रांसप्लांट के लिए तैयार हो जाएं। डेविड ने आशांवित होकर कहा कि वो जीना चाहते हैं। यह ट्रांसप्लांट अंधेरे में तीर चलाने जैसा था। डेविड पिछले कई महीने से हार्ट-लंग बाईपास मशीन के सहारे बिस्तर पर पड़े हैं। लेकिन अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द बिस्तर से उठकर बाहर निकलेंगे।

ऑर्गन डोनर की टेंशन दूर होगी

न्यू ईयर ईव के दिन अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पारंपरिक प्रत्यारोपण न होने की स्थिति में एक आखिरी कोशिश के तौर पर इस इमरजेंसी ट्रांसप्लांट की मंजूरी दी थी। डेविड में सूअर का दिल प्रत्यारोपित करने वाले सर्जन बार्टले ग्रिफिथ ने मीडिया से कहा कि यह एक सफल सर्जरी है। इससे निश्चय ही ऑर्गन डोनर की कमी से छुटकारा मिलेगा।

इससे पहले सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट हो चुकी है

इससे पहले अक्टूबर, 2021 में किसी इंसान को सूअर की किडनी का सफलतापूर्व हुआ था। यह चमत्कार भी अमेरिकी डॉक्टरों ने किया था। दुनियाभर के लाखों लोग किडनी फेल्योर से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह ट्रांसप्लांट एक उम्मीद है। यह कमाल न्यूयॉर्क शहर के एनवाईयू लैंगोन हेल्थ मेडिकल सेंटर के सर्जनों ने किया था। हालांकि सर्जन इस दिशा में लंबे समय से काम कर रहे थे। डॉक्टरों ने जेनेटिकली मोडिफाइड सुअर को की किडनी डोनर के रूप में इस्तेमाल की थी। इस जीन एडिटिंग को यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स की सहायक बायोटेक फर्म रेविविकोर ने किया था।

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