देहरादून: उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव प्रभारी हरीश रावत सुर्खियों में बने रहने की कला जानते हैं। पिछले दिनों फेसबुक पोस्ट और ट्वीट से दस जनपथ तक हलचल पैदा करने वाले हरदा अपनी धाक जमाने में सफल भी रहे। पोस्ट और ट्वीट के बाद खलबली मची तो आलाकमान ने सभी वरिष्ठ नेताओं को आनन-फानन में दिल्ली बुला लिया। जहां राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हरदा के चेहरे पर आश्वस्ति का भाव नजर आया। उन्होंने कहा कि चुनाव मैं लीड करूंगा, मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव के बाद तय होगा। वहीं अब हरदा ने एक और ट्वीट कर अपने उस बयान के लिए माफी मांगी है।
हरदा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कल प्रेस कांफ्रेंस में थोड़ी गलती हो गई। मेरा नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है। चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं बेल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा। मैं अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूंं। मेरे मुह से वह शब्द शोभाजनक नहीं है। हरदा का ये ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है। यूजर हरदा के इस ट्वीट पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि क्षमा मांगकर कार्यकर्ताओं में अच्छा मैसेज छोड़ा है। यही एक सच्चे लोकतांत्रिक नेता का गुण है। जब सही समय आएगा तो जनता खुद ब खुद आपकी पहचान कर लेगी। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि हरदा अापही कांग्रेस को जोड़कर रख सकते हो। आप ही अपने अनुजों को सही राह दिखाएंगे और उनकी गलतियां भी माफ करेंगे।
ट्रोल भी हो रहे हरदा
अपने ट्वीट पर हरदा जनकर ट्रोल भी हो रहे हैं। अक्षत अग्रवाल नाम के यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है कि जिस तरह से कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं आ सकता, आपका घमंड भी अब धुल नहीं सकता, राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक पूरी कांग्रेस ही अहंकार में डूबी है। वहीं हरेश्याम शुक्ल नाम के यूजर ने लिखा है कि, अब उम्र हो गई है ये इशारा, समझदार के लिए इशारा…, अब आप नए नेतृत्व को आगे लाने की जिम्मेदारी निभाएं। वहीं केके नाम के यूजर ने लिखा, आपने बहुत अच्छा, बहुत ज्यादा कांग्रेस के लिए काम किया, अब आप कैप्टन अमरिंदर की राह पर मत चलिए। नए लोगों को जगह दीजिए।