नैनीताल : हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएस चौहान 24 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। महामारी के दौर में सात जनवरी 2021 को कार्यभार संभालने वाले जस्टिस चौहान ने कोविड काल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए न केवल भारत सरकार के स्वास्थ्य निदेशक को व्यक्तिगत रूप से तलब कर उत्तराखंड का आक्सीजन कोटा दिलवाया, बल्कि सरकारी अस्पतालों की जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से मानीटरिंग कर व्यवस्थाओं में सुधार का रोडमैप भी तैयार किया। तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से नैनीताल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने चौहान का कार्यकाल बार व बेंच के समन्वय के रूप में याद रखा जाएगा। कोविड काल में जब जूनियर अधिवक्ता बेहद आर्थिक कठिनाइयों में थे तो उन्होंने अधिवक्ता शक्ति प्रताप सिंह की जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं को जूनियरों की आर्थिक सहायता के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद सीनियर अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में आर्थिक योगदान दिया।
ई मोबाइल कोर्ट की शुरुआत की
चीफ जस्टिस चौहान के कार्यकाल में उत्तराखंड देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया, जहां ई मोबाइल कोर्ट संचालित है। दो चरणों में राज्य के सभी जिलों के लिए जस्टिस चौहान ने ही मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत की।
चारधाम यात्रा रोकी, कोविड संक्रमण कम होने पर रोक हटाई
कोविड संक्रमण के मामले बढ़े तो चीफ जस्टिस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। इसी बीच कोविड संक्रमण के मामले कम हुए तो सरकार की पुनर्विचार याचिका पर चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटी।
ये आदेश भी हुए खूब चर्चित
- चीफ जस्टिस चौहान ने पर्यावरण के मामलों को लेकर भी महत्वपूर्ण आदेश पारित किए। कार्यभार संभालने के अगले ही दिन उन्होंने देहरादून की रीनू पाल व हल्द्वानी के अमित खोलिया की जनहित याचिका पर राज्य वन्यजीव बोर्ड के शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को डीनोटिफाइड करने के शासन के आदेश पर रोक लगा दी थी।
- देहरादून के जौनसार भाबर की जमीन की बंदरबांट मामले में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि चकराता-मुनस्यारी को देहरादून-मसूरी जैसा मत बनाओ। कोर्ट की सख्ती के बाद दून के जिला प्रशासन को 49 लीजधारकों की जांच की तो उन्हें प्रथम दृष्टया भू कानून उल्लंघन का दोषी पाया।
- जेलों में सुधार को लेकर सात जिलों के जिलाधिकारियों को तलब किया। कोर्ट की सख्ती के बाद इन जिलों की जेलों में सुधार की प्रक्रिया तेज हुई।
- चीफ जस्टिस की कोर्ट ने देहरादून में गणेशपुर के समीप से गुजरने वाली हाईवे चौड़ीकरण मामले में एलीवेटेड रोड का सुझाव दिया, जिसे सरकार ने भी मान लिया। राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित दो जनहित याचिकाओं पर याचिकाकर्ताओं पर 50-50 हजार जुर्माना लगाया, जबकि जनहित के महत्व की पीआइएल पर महत्वपूर्ण आदेश पारित किए।
- कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में अवैध निर्माण मामले में पारित सख्त आदेश के बाद वन विभाग के मुखिया तक की कुर्सी चली गई, जबकि उपवन संरक्षक स्तर के अफसर को मुख्यालय अटैच करना पड़ा।