इंदौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जिसमें एक मौलाना व दो महिलाएं मिलकर लोगों को शादी के नाम पर ठगते थे। ये विवाह करने के इच्छुक जरूरतमंद व्यक्ति को जाल में फंसाते और मौलाना उनमें से किसी एक लड़की की शादी उस व्यक्ति से करवा देता। फिर दुल्हन कुछ ही दिन बाद घर से गहने, सामान, नकदी लूटकर फरार हो जाती। पुलिस ने गिरोह को उन्हीं के अंदाज में पकड़ा। एक पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) दूल्हा बनकर विवाह के लिए तीन लाख रुपये देने को राजी हुआ और जाल बिछाकर मौलाना सहित दोनों लुटेरी दुल्हनों को पकड़ लिया गया। तीनों को गिरफ्तार कर मंदसौर जिले के नारायणगढ़ न्यायालय में पेश किया गया, जहां से पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। बताया जाता है कि आरोपित मौलाना मूलरूप से मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है।
मामला पुलिस के पास कुछ दिन पहले तब पहुंचा था, जब मंदसौर के पिपलियामंडी निवासी युवक से शादी रचाकर लुटेरी दुल्हन फरार हो गई थी। थानाप्रभारी शिवकुमार यादव ने बताया कि 30 वर्षीय जीवन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 36 वर्षीय मौलाना मोहम्मद रिजवान ने दो लाख रुपये में शादी कराने के लिए चार अप्रैल 2021 को 30 वर्षीय पूनम व 29 वर्षीय रेखा से मिलवाया था। तीनों ने उसी दिन शादी करने के बदले दो लाख पांच हजार रुपये ले लिए और रेखा शिंदे को जीवन की पत्नी बनाकर साथ भेज दिया। शादी के अगले दिन से ही रेखा जीवन से लड़ाई-झगड़ा करने लगी और विवाह के नौ दिन बाद ही 13 अप्रैल को घर से कीमती सामान लेकर फरार हो गई। रेखा के साथ मंदसौर निवासी मौलाना व पूनम भी गायब हो गए। जीवन ने इसकी शिकायत पुलिस से की, तब पुलिस ने जाल बिछाया।
पिपलिया मंडी चौकी प्रभारी कपिल सौराष्ट्रीय ने बताया कि पुलिस टीम ने आरक्षक कमल पाल को दूल्हा बनाकर पहले तो मौलाना रिजवान के पास भेजा, फिर उससे शादी की बात चलाई। इस पर रिजवान ने लुटेरी दुल्हन रेखा शिंदे व उसकी सहयोगी पूनम से मिलवाया। शादी के लिए आरक्षक तीन लाख रुपये देने को तैयार भी हो गया। इसके बाद शादी की तारीख पक्की कर मौलाना दूल्हा बने आरक्षक को लेकर रेखा व पूनम के पास पहुंचा। जैसे ही तीनों मिले, वैसे ही इन पर छुपकर नजर रख रही पुलिस टीम ने तीनों को पकड़ लिया।