देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर जरूर पड़ गयी है, पर दून के लिए आंकड़े अभी भी मुफीद नहीं दिख रहे हैं। चिंता इस बात की है कि यहां कोरोना के मामलों में एक तरह की निरंतरता बनी हुई है। ऐसा एक दिन नहीं बीत रहा जब दून में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आ रहा। यही कारण है कि अन्य जिलों में जहां सक्रिय मामलों की संख्या इकाई पर सिमट गई है और तीन जिलों में कोई सक्रिय मामला ही नहीं है, दून में यह आंकड़ा लगातार सौ से ऊपर बना हुआ है। राज्य में फिलवक्त 73 प्रतिशत सक्रिय मामले अकेले दून में हैं। उस पर अब आमजन से लेकर सिस्टम तक बेपरवाह दिख रहे हैं। लोग बिना मास्क घूम रहे हैं, शारीरिक दूरी का उल्लंघन कर रहे हैं, वहीं सरकारी तंत्र भी अब टेस्टिंग और ट्रेसिंग को लेकर संजीदा नहीं दिख रहा।
राजनीतिक गतिविधियों का गढ़ बना दून, सिस्टम उदासीन
चिंता इस बात की भी है कि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में राजनीतिक गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिनका प्रमुख गढ़ देहरादून बन रहा है। जाहिर है कि चुनाव नजदीक आते-आते यहां तमाम बड़े आयोजन होंगे। उस पर नियमों में ढिलाई के कारण पर्यटकों की आमद भी लगातार बढऩे लगी है। दिसंबर शुरू होते-होते, यानी छुट्यिों में इसमें और तेजी आएगी। अंदेशा इस बात का है कि सिस्टम की उदासी कहीं कोरोना की तीसरी लहर को न न्योता दे दे।