स्वास्थ्य मंत्री रावत ने कहा- फार्मा उद्योग के लिए उत्‍तराखंड में अपार संभावनाएं

देहरादून। राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती के लिए फार्मा उद्योग का योगदान अहम साबित हो सकता है, इसके लिए फार्मा उद्योग को मजबूत करने की आवश्यकता है। यह बात स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने एसोसिएशन आफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि राज्य में फार्मा उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाया जा सकता है। इसके लिए फार्मा उद्योग व सरकार को मिलकर प्रयास करने होंगे। फार्मा उद्योग के सामने जो भी समस्याएं हैं उनका सरकार जल्द समाधान करेगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित फार्मा उद्योग से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों को बुलाया जाएगा। ताकि बैठक में समस्याओं का निराकरण किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने औषधि निर्माताओं को फर्म संचालन के लिए अनवरत विद्युत आपूर्ति, केंद्रीय योजना के अंतर्गत कामन ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए भूमि, सैनिटाइजर निर्माण के लिए फर्मो को अन्य राज्यों से एल्कोहल खरीदने की छूट, निर्माण इकाई से निकलने वाले हानिकारक कचरे को पर्यावरण बोर्ड से अधिकृत संस्था के माध्यम से नष्ट करवाने सहित आधा दर्जन से अधिक समस्याओं को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षित, असरदार और हाई क्वालिटी दवाओं की जबरदस्त डिमांड है। ऐसे में राज्य की फार्मा उद्योग के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज पांडेय, एसोसिएशन आफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्री उत्तराखंड के संरक्षक अशोक विंडलास, अध्यक्ष संदीप जैन, महासचिव अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष प्रमोद सकलानी, आरके जैन, कुलदीप सिंह, औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी, सहायक औषधि नियंत्रक सुरेंद्र भंडारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं फार्मा उद्योग से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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