युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस ने किया गिरफ्तार

हांसी : इंटरनेट मीडिया पर अनुसूचित जाति से संबंधित टिप्पणी करने के मामले में शनिवार को क्रिकेटर युवराज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर तफ्तीश में शामिल किया। जिसके बाद युवराज सिंह को पुलिस द्वारा फारिक कर दिया गया। इस मामले में युवराज सिंह पहले ही हाईकोर्ट से जमानत ले चुके हैं। कोर्ट ने युवराज सिंह को आदेश दिए थे कि व हांसी में दर्ज मामले में तफ्तीश में शामिल हो। अब ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बीते साल जून महीने में युवराज के खिलाफ सोशल एक्टिविस्ट रजत कलसन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।

पुलिस द्वारा मामले में कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ शिकायतकर्ता ने कोर्ट याचिका दायर की थी। युवराज सिंह पर आरोप है कि बीते साल उन्होंने रोहित शर्मा से लाइव चैट में युजवेंद्र चहल पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में नेशनल अलायंस और दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने हांसी पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी।

पुलिस ने शिकायत में दी गई सीडी की लैब में जांच करवाई थी। लंबी जांच के बाद इसी साल 14 फरवरी को हांसी पुलिस ने युवराज सिंह पर एससी एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। जिसके बाद युवराज सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दर्ज की थी। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी और तफ्तीश में शामिल होने के आदेश दिए रहे। युवराज सिंह ने अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अपमानजनक व आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके चलते उसके खिलाफ दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने हांसी थाना शहर में एससी एसटी एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था । इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ने युवराज के खिलाफ पुलिस की उत्पीड़न कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। शनिवार को तफ्तीश में शामिल होने के लिए युवराज सिंह हिसार स्थित जिओ मेश में पहुंचे। जहां हांसी के डीएसपी विनोद शंकर ने उनसे मामले की पूछताछ की। पूछताछ के बाद पुलिस ने युवराज सिंह को फारिक कर दिया। इस मामले में जिस फोन का इस्तेमाल किया गया था पुलिस पहले ही उस फोन को बरामद कर चुकी है। डीएसपी विनोद शंकर ने बताया कि युवराज सिंह को गिरफ्तार कर तफ्तीश में शामिल किया गया है। इस मामले में युवराज हाईकोर्ट से जमानत पर है। मामले की जांच पूरी करने के लिए युवराज सिंह को तफ्तीश में शामिल किया गया था। इसके बाद उन्हें फारिक कर दिया गया।

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