पटना। ज्यादा दिन नहीं हुए, जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने पहचानने तक से इनकार कर दिया था। अब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा है कि तेज प्रताप यादव अपना संगठन बनाकर पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में खुद को सेकेंड लालू (Second Lalu) बताते हुए पिता की विरासत पर दावा करते रहे तेज प्रताप के अपने हीं दल में अस्तित्व पर सवाल उठ गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह कि वे अब आगे क्या करेंगे? क्या कृष्ण (तेज प्रताप) अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) से किनारा कर सियासी महाभारत (Political Mahabharata) की जंग में अकेला छोड़ देंगे? अब नजरें गुरुवार को होने वाले छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) की बैठक पर टिकी है, जिसमें इस बाबत तेज प्रताप यादव कोई बड़ी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। माना जा रहा है कि उनके निशाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ अब शिवानंद तिवारी भी रहेंगे।
विदित हो कि शिवानंद तिवारी ने कहा है कि तेज प्रताप यादव का अब आरेजडी से कोई रिश्ता नहीं बचा है, वे अपना संगठन बनाकर पार्टी से अलग हो चुके हैं। खास बात यह है कि इस बाबत न तो तेज प्रताप यादव ने मुंह खोला है, न हीं लालू परिवार (Lalu Family) या पार्टी ने कुछ कहा है। हालांकि छात्र जनशक्ति परिषद के मुख्य प्रवक्ता मोहित शर्मा ने शिवानंद तिवारी की ओर इशारा करते हुए कहा है कि आरजेडी के कुछ लोग लालू परिवार में दरार डालने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। इस बाबत आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने केवल इतना कहा है कि उनके पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं है।
शिवानंद तिवारी आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पार्टी के संबंध में उनके बयान से कफ्यूजन तो पैदा हो हीं गया है। इसपर लालू परिवार या आरजेडी भले हीं मौन है, तेज प्रताप का संगठन छात्र जनशक्ति परिषद हमलावर हो चुका है। परिषद के मुख्य प्रवक्ता मोहित शर्मा ने शिवानंद तिवारी को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एजेंट बताते हुए कहा है कि ये वही हैं, जिन्होंने लालू प्रसाद यादव को जेल भिजवाया था। उन्होंने कहा है कि छात्र जनशक्ति परिषद एक गैर राजनीतिक संस्था है। तेज प्रताप आरजेडी विधायक हैं और उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे।
अब बात तेज प्रताप की आरजेडी में हैसियत की। तेज प्रताप खुद को किंग मेकर (King Maker) की भूमिका में देखना पसंद करते रहे हैं। उन्होंने बराबर खुद को सियासी महाभारत का कृष्ण बताते हुए अपने भाई तेजस्वी यादव को अर्जुन बताया है। हालांकि, उनके काम व बयान समय-समय पर पार्टी को मुसीबत में डालते रहे हैं। कभी आरजेडी के कद्दावर नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) को पार्टी के समंदर में एक लोटा जल बताकर भारी विवाद खड़ा कर चुके तेज प्रताप की इन दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदानंद सिंह से अदावत जग-जाहिर है। ज्यादा दिन नहीं हुए, जब जगदानंद सिंह उनसे नाराज होकर पार्टी कार्यालय आना तक छोड़ चुके थे। बाद में लालू प्रसाद यादव के हस्तक्षेप से वे मान तो गए, लेकिन लंबेसमय बाद पार्टी कार्यालय आते हीं उन्होंने तेज प्रताप के प्रभाव वाले छात्र आरजेडी (Chhatra RJD) के अध्यक्ष आकाश यादव (Aakash Yadav) को चलता कर दिया। इससे बौखलाए तेज प्रताप के बड़े व कड़े बयानों की बाबत जब उनसे सवाल किए गए तो उन्होंने पूछा- कौन हैं तेज प्रताप (Who is Tej Pratap)?
लालू के बेटे के संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान गंभीर मसला था। इससे पार्टी में तेज प्रताप की हैसियत को लेकर सवाल उठने हीं थे। खास बात यह कि इस विवाद पर लालू परिवार ने चुप्पी साध ली। अभी तक तेज प्रताप की हर बात मानते रहे परिवार का उनके प्रति यह यू-टर्न बड़ा सियास फैसला था। नाराज लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें कोई तरजीह नहीं दी। इससे बौखलाए तेज प्रताप यादव ने अब इशारों में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर हीं हमला करते हुए कहा कि लालू को कुछ लोगों ने दिल्ली में बंधक (Lalu kept Hostage) बना लिया है। अपने हीं कृष्ण (तेज प्रताप) के इस हमले के बाद अर्जुन (तेजस्वी) ने भी सफाई दी कि लालू जैसे बड़े व मजबूत नेता को कोई बंधक नहीं बना सकता है। इसके पहले तेज प्रताप यादव खुद को सेकेंड लालू बता चुके थे। साथ हीं छात्र जनशक्ति परिषद का गठन भी कर चुके थे, जिसे छात्र आरजेडी के समानान्तर संगठन माना जा रहा है।
स्पष्ट है, तेज प्रताप आरजेडी में अब पहले वाली हैसियत में नहीं दिख रहे। जगदानंद सिंह व शिवानंद तिवारी के बयानों व उनपर पार्टी व परिवार की चुप्पी से तो यह जाहिर है। ऐसे में सवाल यह है कि अब तेज प्रताप आगे क्या करेंगे। क्या वे पार्टी में बने रहेंगे, जैसा कि ठात्र जनशक्ति परिषद ने कहा है। या वे कोई बड़ा कदम उठाएंगे। जो भी हो, नजरें आज छात्र जनशक्ति परिषद की बैठक में तेज प्रताप के बयान पर टिकी हैं।