देहरादून। प्रदेश में विधानसभा की रिक्त दो सीटों बदरीनाथ और मंगलौर में उपचुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस ने भी कमर कस ली है। बदरीनाथ विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को पार्टी के विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में जाने से जिस प्रकार झटका लगा है, पार्टी उसी प्रकार उपचुनाव में भाजपा को कांटे की टक्कर देने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा उपचुनाव के संबंध में गोपेश्वर में डेरा डाले हुए हैं। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को प्रदेश की प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। जोशीमठ आपदा के बाद से ही पार्टी इस विधानसभा क्षेत्र में जनता में अपनी पैठ और मजबूत करने के लिए लंबे समय से शक्ति झोंके हुए थी।
कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी लोकसभा चुनाव के दौरान ही पार्टी का दामन झटककर भाजपा में सम्मिलित हो गए। उनके भाजपा में जाने से रिक्त हुई इस सीट को उपचुनाव में कांग्रेस जीतना चाहती है। यद्यपि, कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है। पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी का इस क्षेत्र में व्यक्तिगत प्रभाव माना जाता है।
सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरने की स्थिति में कांग्रेस के लिए उन्हें चुनौती देने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ेगी। कांग्रेस के सामने इस सीट पर सबसे बड़ी चुनौती मजबूत प्रत्याशी के चयन की है। लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अधिक मत पड़े हैं। भाजपा को ईवीएम पर 31,845 मत पड़े, जबकि कांग्रेस को 23,600 मत प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस को आठ हजार से अधिक मतों से पिछड़ना पड़ा है।
भाजपा को कांग्रेस की तुलना में पोस्टल बैलेट भी अधिक मिले हैं। इसके बावजूद कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी के गांव और आसपास के बूथों पर मतों के मामले में कांग्रेस बढ़त में रही है।
आपदा प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के कई बूथों पर कांग्रेस को भाजपा से अधिक मत प्राप्त हुए हैं। इस कारण कांग्रेस को उम्मीद है कि उपचुनाव में उसे सफलता मिल सकती है। वहीं, हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस उत्साहित है। यह सीट बसपा विधायक सरबत करीब अंसारी के निधन से रिक्त हुई है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट बसपा के हाथों गंवाई थी। बसपा विधायक के निधन से रिक्त इस सीट पर उपचुनाव में सहानुभूति और मतदाताओं के समीकरण की दृष्टि से कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बसपा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार संसदीय सीट पर कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र में बसपा और भाजपा से अधिक मत प्राप्त हुए हैं। लोकसभा चुनाव में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को ईवीएम के माध्यम से 21100 मत प्राप्त हुए। वहीं, कांग्रेस को 44,101 यानी दोगुना से अधिक मत मिले हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव मजबूती से लड़ेगी।