कर्नलगंज यूपी के गोंडा में कैसरगंज से बीजेपी प्रत्याशी करण भूषण सिंह के काफिले में शामिल फॉर्च्यूनर कार ने बाइक सवार दो भाइयों और एक महिला को टक्कर मार दी। हादसा कर्नलगंज-हुजूरपुर मार्ग स्थित छतईपुरवा गांव के पास हुआ।
कार की टक्कर से रेहान, शहजाद और सीतादेवी घायल हो गईं। तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, डॉक्टर ने रेहान व शहजाद को मृत घोषित कर दिया। सीतादेवी को गोंडा मेडिकल कालेज रेफर के लिए किया गया है। मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने हुजूरपुर मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। फॉर्च्यूनर पर पुलिस स्कार्ट लिखा था। वाहन नंदिनी एजूकेशन इंस्टिट्यूट के नाम से दर्ज है।
काफिले में शामिल होने जा रहा था वाहन
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, करण भूषण सिंह अपने 10-12 गाड़ियों के काफिले के साथ बहराइच की तरफ जा रहे थे। उनके वाहनों का काफिला आगे निकल चुका था। स्कॉर्ट का वाहन पीछे छूट गया था, जो काफिले में शामिल होने के लिए जा रहा था। रास्ते में छतईपुरवा गांव के पास फॉर्च्यूनर ने बाइक सवार रेहान व शहजाद के साथ ही सड़क पार कर रही सीतादेवी को ठोकर मार दी, जिससे तीनों घायल हो गए।
दोनों चचेरे भाइयों की मौत
घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां चिकित्सक ने दोनों चचेरे भाइयों को मृत घोषित कर दिया। छतई पुरवा गांव के पास ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक वाहनों का आवागमन ठप रहा। एसडीएम भारत भार्गव, सीओ सदर विनय सिंह, सीओ कर्नलगंज चंद्रपाल शर्मा, कोतवाल निर्भय नारायण सिंह ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया।घटना स्थल पर पुलिस बल की तैनाती की गई है।
उधर, मृतक रेहान की मां चंदा बेगम ने दी गई तहरीर में कहा कि उसका बेटा व भतीजा शहजाद दोनों बाइक से दवा लेने के लिए कर्नलगंज जा रहे थे। रास्ते में यूपी 32 एचडब्ल्यू 1800 ने ठाेकर मार दी। इसमें दोनों की मौत हो गई।
यात्रीकर अधिकारी शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि आरटीओ कार्यालय में वाहन संख्या यूपी 32 एचडब्ल्यू 1800 नंदिनी एजूकेशन इंस्टिट्यूट के नाम से पंजीकृत है, जिसका मई 2017 में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। कर्नलगंज कोतवाल निर्भय नारायण सिंह ने बताया कि अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
मंगलवार को सउदी से घर आए थे शहजाद
शहजाद मंगलवार की शाम को एक वर्ष बाद सउदी से घर आए थे। सुबह चचेरे भाई रेहान के साथ कर्नलगंज दवा लेने जा रहे थे। परिवारीजन को क्या पता था कि अब वह वापस नहीं आएंगे। मां व परिवारीजन का रो-रोकर हाल बेहाल है। गांव के लोग घटना से स्तब्ध है। गांव में मातम पसरा हुआ है।