देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम समेत सभी धार्मिक स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आनलाइन पंजीकरण आवश्यक होगा। सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिवस चारधाम यात्रा व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इस पर विचार के निर्देश दिए थे। अब मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि श्रद्धालुओं के लिए आनलाइन पंजीकरण की फुलप्रूफ स्थायी व्यवस्था विकसित करने के लिए कंसल्टेंसी कंपनी की सहायता ली जाए।
चारधाम यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के सुव्यवस्थित प्रबंधन और स्थायी समाधान में तकनीकी ही सबसे अधिक सहायक हो सकती है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द आइटी कंसल्टेंसी कंपनी के साथ ही चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों, होटल व्यवसायी, टूर आपरेटर, पर्यटन से जुड़े लोग और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से पंजीकरण की स्थायी व्यवस्था विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा प्रबंधन के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) भी तैयार की जानी है।
हरिद्वार से आफलाइन पंजीकरण भी प्रारंभ
इसके लिए चारधाम यात्रा में फील्ड में काम कर रहे अधिकारियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने एसओपी के लिए फील्ड में कार्य करने वाले कनिष्ठ अधिकारियों से सुझाव लेने को कहा। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश व हरिद्वार में ठहराव वाले स्थलों वर्तमान में लगभग तीन हजार श्रद्धालु हैं, जिन्हें धामों में भेजा जा रहा है। अब हरिद्वार से आफलाइन पंजीकरण भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।
उन्होंने आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने के मद्देनजर चारधाम यात्रा से जुड़े जिलाधिकारियों को नए ठहराव वाले स्थल चिह्नित कर वहां पार्किंग समेत अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने को कहा। इसके लिए जल्द ही धनराशि जारी की जाएगी।
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर वाहनों की वहन क्षमता व पार्किंग स्थलों का सही आकलन करने के निर्देश दिए। साथ ही वहन क्षमता के अनुसार नियमों को सख्ती से लागू करने, ट्रिप कार्ड व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन कराने, भविष्य में यात्रा संचालन में नेशनल टूर आपरेटर्स का भी सहयोग लेने, जिन राज्यों से सर्वाधिक यात्री आते हैं, उनके डीएम व अन्य अधिकारियों से समन्वय बनाने के निर्देश भी दिए।