ध्रुव सरीन, चीफ बिज़नेस ऑफिसर (सीबीओ), पीबीपार्टनर्स ~
पटना। भारत में बीमा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। एक पूर्वानुमान के मुताबिक 2030 तक 14 मिलियन लोग मध्यम वर्ग में शामिल हो जाएंगे। पर फिर भी भारत में बीमा कराए जाने की दर बहुत कम है, जो विश्व में सात प्रतिशत की तुलना में यहाँ पर केवल चार प्रतिशत है। इस असमानता को दूर करने के लिए जागरुकता बढ़ाया जाना बहुत जरूरी है। अभिनव वितरण चैनलों का विकास, और इस व्यवस्था में ग्राहकों का विश्वास स्थापित करना आवश्यक है। इस उद्योग की एक प्रतिष्ठित रिपोर्ट, ‘‘भारत में बीमा कैसे खरीदा जाता है?’’ के मुताबिक 80 प्रतिशत से अधिक पॉलिसीधारक, जो खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में होते हैं, बीमा की जानकारी ऑनलाईन प्राप्त करते हैं, और उसे खरीदते ऑफलाईन हैं। यह आबादी एजेंट के परिचित होने को काफी महत्व देती है। इस रूझान को देखते हुए बीमा रैगुलेटर, आईआरडीएआई ने एक पॉईंट ऑफ सेल्स पर्सन (पीओएसपी) मॉडल पेश किया है, जो सामान्य बीमा उत्पाद खरीदना और बीमा का विस्तार करना आसान बना रहा है। इस मॉडल में टेक्नोलॉजी और मानव इंटरफेस का मिश्रण पेश किया गया है, जो ग्राहकों के बीमा के अनुभव को ज्यादा आसान और विश्वसनीय बना देता है।
पीओएपी मॉडल ग्राहकों, एजेंट और बीमाकर्ताओं, सभी के लिए फायदेमंद है। इस मॉडल की सफलता इस बात से प्रदर्शित होती है कि इस समय भारत में 20 लाख से ज्यादा पीओएसपी एजेंट हो चुके हैं। यह एजेंट्स को आय के बेहतर अवसर, बीमाकर्ताओं को बीमा-रहित ग्राहकों तक पहुँचने का उत्तम साधन, और ग्राहकों को अपनी बीमा की जरूरतों के लिए एक स्थानीय टच पॉईंट प्रदान करता है।
पीओएसपी फिजिटल मॉडल पर काम करता है
पीओएसपी मॉडल एजेंट्स को विस्तृत प्रशिक्षण, आधुनिक टेक्नोलॉजी, और आकर्षक मुआवजा प्रणाली द्वारा सशक्त बनाता है। इस प्रकार एजेंट पॉलिसीधारकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान कर पाते हैं, ताकि वो बीमा खरीदने के बारे में पूरी जानकारी के साथ निर्णय ले सकें। पारंपरिक एजेंट नेटवर्क को डिजिटल टूल्स प्रदान करके, पीओएसपी मॉडल वितरण को ज्यादा प्रभावशाली बनाता है, और सेल्स के व्यवहार में मानव हस्तक्षेप को बरकरार रखता है। साथ ही, एजेंट्स को विस्तृत बीमा उत्पाद और निवेश के विकल्पों द्वारा समर्थ बनाकर बीमाकर्ता ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, जिससे उद्योग की कार्यप्रणाली में उनका विश्वास स्थापित होता है। पीबी पार्टनर नेटवर्क भारत में 19,100 पिनकोड्स तक अपनी सेवाएं दे रहा है। इससे मिलने वाले व्यवसाय में टियर 2 और टियर 3 शहरों का हिस्सा 50 प्रतिशत है।
भारत में बीमा का भविष्य सेवा पर आधारित है।
बीमा सेक्टर सेवा पर आधारित होता जा रहा है। ऐसे व्यक्तिगत बीमा समाधान बनाने की ओर रूझान बढ़ रहा है, जो अलग-अलग लोगों की व्यक्तिगत जरूरतों और जीवनशैली के अनुरूप हों। साथ ही बीमा में डेटा और एनालिटिक्स के प्रयोग ने बीमा में जोखिम के आकलन का तरीका बदल दिया है। इस मूल्यांकन की मदद से बीमाकर्ता ज्यादा सटीक शुल्क प्रणालियाँ अपनाने में समर्थ बने हैं, जिससे जोखिम और कवरेज के बीच का संतुलन बेहतर हुआ है। पीओएसपी मॉडल इस संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे ग्राहकों को अपनी इच्छा के अनुरूप बीमा उत्पादों का बेहतरीन मिश्रण प्राप्त होता है।
टेक्नोलॉजी की मदद से वितरण का विस्तार
पीओएसपी मॉडल में टेक्नोलॉजी की एक अहम भूमिका है। यह एजेंट्स को प्रभावशाली और पारदर्शी बीमा सेवाएं प्रदान करने में समर्थ बनाती है। एआई पर आधारित टूल्स, जैसे पीबी इंस्पेक्ट द्वारा क्लेम प्रक्रियाएं व्यवस्थित बनती हैं, और उनकी जटिलताएं दूर होकर क्लेम भुगतान में तेजी आती है। इंश्योरटेक कंपनियों के साथ सामरिक साझेदारियों द्वारा पीओएसपी एजेंट्स को इनोवेटिव समाधान प्राप्त होते हैं, जिससे बीमा का विस्तार उन क्षेत्रों में भी आसानी से होता है, जहाँ इससे पहले बीमा आसानी से उपलब्ध नहीं होता था। इससे बीमा की उपलब्धता बढ़कर उसमें ज्यादा समावेशिता आती है। इसके अलावा पीओएसपी मॉडल द्वारा सुगम ऑनलाईन-ऑफलाईन इंटीग्रेशन संभव होता है, जिससे उन ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है, जो बीमा उत्पादों की जानकारी तो ऑनलाईन लेते हैं, पर उन्हें खरीदने के लिए किसी परिचित एजेंट से मिलना चाहते हैं। इससे डिजिटल सुविधा और व्यक्तिगत सेवा के बीच का अंतर दूर करने में मदद मिलती है।
मेट्रो शहरों के बाहर विस्तार
बीमा की उपलब्धता पारंपरिक रूप से मेट्रो शहरों में ज्यादा रही है, जिससे टियर 2 और टियर 3 शहरों में बीमा सेवाओं की कमी रही है। पीओएसपी मॉडल विभिन्न स्थानों के एजेंट्स को मानक प्रशिक्षण और विशेषज्ञता द्वारा सशक्त बनाकर इस असंतुलन को दूर करता है। ये पीओएसपी एजेंट एक भरोसेमंद एडवाईज़र के रूप में सेवाएं देकर बीमा प्रदाताओं और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित लोगों के बीच की दूरी को कम करते हैं, जिससे साक्षरता और बीमा का समावेशन बढ़ते हैं। ग्रामीण और अर्द्धशहरी इलाकों में पीओएसपी एजेंट्स के नेटवर्क को बढ़ावा देकर बीमाकर्ता नए बाजारों में पहुँच सकते हैं और सामुदायिक विश्वास एवं स्थानीय विशेषज्ञता के साथ स्थायी संबंध स्थापित कर सकते हैं, जिससे बीमा का विस्तार बड़े शहरों से बाहर भी हो सकेगा।
एजेंट्स को सशक्त बनाना, ग्राहकों की सुविधा बढ़ाना
पीओएसपी मॉडल की सफलता एजेंट्स को बौद्धिक और वित्तीय रूप से समर्थ बनाने पर आधारित है। एजेंट्स को विस्तृत ज्ञान और लचीले भुगतान विकल्प प्रदान करके, बीमाकर्ता उन्हें हर ग्राहक की जरूरत को प्रभावशाली तरीके से पूरा करने में समर्थ बना रहे हैं। इस पारस्परिक संबंध के साथ एजेंट और पॉलिसीधारक एक पुल-बेस्ड मॉडल पर काम करते हैं, जिसमें बीमा खरीदने का निर्णय पूरी जानकारी के साथ लिए जाने के कारण ग्राहकों की संतुष्टि और निष्ठा बढ़ते हैं। साथ ही बीमाकर्ता एजेंट्स को निरंतर प्रशिक्षण और व्यवसायिक विकास के अवसर प्रदान करके उनकी योग्यता और कंपनी के साथ उनकी निष्ठा बढ़ा सकते हैं, जिससे पीओएसपी वितरण मॉडल में दीर्घकालिक सस्टेनेबिलिटी और वृद्धि सुनिश्चित हो सकेगी।
भारत में बीमा का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जो 2024 से 2028 के बीच सभी जी20 देशों के मुकाबले ज्यादा होगा। उद्योग के सामने सुप्रशिक्षित एडवाईज़र्स के साथ आर्थिक रूप से सस्टेनेबल तरीके से मुलाकात और बातचीत संभव बनाने की चुनौती लंबे समय से रही है। नियामक ढांचे और टेक्नोलॉजिकल प्रगति की मदद से पीओएसपी मॉडल बड़ी आबादी तक पहुँचकर उसे बीमा के दायरे में लाने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान कर रहा है।