-आपदाओं के नियंत्रण में जनसहयोग बेहद जरूरीः त्रिवेंद्र सिंह रावत
-अनिल वर्मा को रक्तदाता प्रेरक एप्रीसिएशन सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया
देहरादून। राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस के स्थापना दिवस पर एसजीआरआर (पीजी) कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी तथा महेंद्र इंद्रेश हॉस्पिटल ब्लड बैंक के सहयोग से महाविद्यालय के बैडमिंटन हाॅल में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कल 54 यूनिट रक्त एकत्रित द्वारा किया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि त्रिवेंद्र सिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किया गया महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० (मेजर) प्रदीप सिंह द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा नोडल अधिकारी डेंगू नियंत्रण केंद्र तथा रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा यूथ रेडक्रास कमेटी को 152 बार रक्तदान करने हेतु रक्तदाता प्रेरक एप्रीसिएशन सर्टिफिकेट प्रदान करके सम्मानित किया गया।
रक्तदाता छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने रक्तदान की आवश्यकता, प्रकिया तथा महत्व समझाया उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के नियंत्रण में सरकार के साधनों के साथ ही जनसहयोग भी अति आवश्यक है। डेंगू की वर्तमान भयावह स्थिति में जहां अनेक मरीजों की जिंदगी दांव पर है वहां रक्तदान करके उनका जीवन बचाने से महत्वपूर्ण काम कौन सा हो सकता है। उन्होंने एन० एस० एस० स्वयंसेवियों की सराहना करते हुए छात्र जीवन से ही नियमित रूप से रक्तदान करने वाले अनिल वर्मा से प्रेरणा लेने को कहा। प्राचार्य डॉ० मेजर प्रदीप सिंह ने कहा कि रक्तदान करना प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है। क्योंकि केवल एक मनुष्य का रक्त ही दूसरे व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है अतः हमें अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास करते हुए स्वैच्छिक रक्तदान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा महाविद्यालय राष्ट्र एवं समाज हितों की गतिविधियों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करता रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा।
नोडल अधिकारी डेंगू नियंत्रण कक्ष रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा ने रक्तदाता प्रेरक की भूमिका का निर्वहन करते हुए रक्तदानके प्रति अंधविश्वासों को दरकिनार किया। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को 90 प्रतिशत हार्ट अटैक तथा 85 प्रतिशत कैंसर होने की संभावना नहीं रहती।एक बार रक्तदान करने से 650 कैलोरी बर्न होने से शरीर का फैट खत्म होता है। नये ब्लड सेल्स का निर्माण होने से शरीर में नई ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि नियमित रक्तदान करना एंटी एजिंग का काम करता है जिससे शरीर के हार्मोन्स का सन्तुलन बना रहता है और व्यक्ति एक जवान युवा की भांति सक्षम बना रहता है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एन एस एस के वरिष्ठ कार्यकम अधिकारी डॉ० आनंद सिंह राणा ने मुख्य अतिथि त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्राचार्य डॉ० (मेजर) प्रदीप सिंह नोडल अधिकारीडेंगू नियंत्रण अनिल वर्मा सहित समस्त अतिथियों तथा रक्तदाताओं का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर श्रीमहंत इंद्रेश हाॅस्पिटल ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० प्रीति चैहान, समन्वयक अमित चंद्रा, मोहित चावला, राजेश कुकरेती, बिपिन कुमार, इंडियन रेडक्रास सोसायटी से डा० एम एस अंसारी, पद्मिनी मल्होत्रा, विकास गुप्ता, मेजर प्रेमलता वर्मा, रूपाली शर्मा, राघव कुमार, महाविद्यालय के प्रोफेसर संदीप नेगी, प्रोफेसर एस के पडालिय , चीफ प्रॉक्टर एम वी पंत, प्रोफेसर एच सी जोशी, डॉ महेश कुमार, डॉ श्यामवीर सिंह, डॉ आनंद कुमार, सुखविंदर तथा जितेंद्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। रक्तदान शिविर के कुशल संचालन में महाविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारियों का अति विशिष्ट योगदान रहा।