देहरादून। कोरोना के चलते शहर में पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगाया गया है वहीं कुछ लोग खुलेआम इसकी धज्जियां उड़ा रहे है। एक संस्थान जिसके पास कोई परमिशन नहीं है अपने 15 से 16 कर्मचारियों को शाम को बुला कर काम करवा रहा है और इस पर बसंत विहार पुलिस लॉकडाउन में भी धड़ल्ले से पुलिस की नाक के नीचे चल रहा संस्थानस भी मौन धारण कर बैठी है।
अनुराग चैक स्थित एक संस्थान में हाल ही में शाम के वक्त शटर बंद करके पूरे स्टाफ से काम करवाया जा रहा है। कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों के वहां पर अचानक पहुुंचने पर उनके पास कोई परमिशन नहीं पाई गई और न ही वहां के अधिकारियेां द्वारा यह बताया गया कि वहां पर क्या काम चल रहा है। मौके पर पहंुच कर पता चला कि यहां पर लगभग 15 से 16 लोगों का स्टाफ है जिन्हें शाम को साढ़े छह बजे से रात्रि साढे़ तीन बजे तक ऑफिस बुलाया जा रहा है और शटर बंद करके काम करवाया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है इस पर स्थानीय पुलिस भी आंखें बंद कर बैठी है और कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। मौके से ही उनको शिकायत करने पर भी उनके द्वारा कोई कार्रवाही नहीं की गई। यहां पर सवाल कई खड़े होते है कि जब इन हालातों में जरूरत की चीजों की दुकानें आदि भी बंद है और उनको भी परमिशन नहीं दी जा रही खोलने की तो ऐसे में इस संस्थान पर कोई कार्रवाही क्यों नहीं हो रही है। परचून आदि तक की दुकानेें भी हफ्ते में दो दिन खुल रही है तो यह संस्थान कैसे रोज चल रहा है और उसके बाद इनके खिलाफ कोई कार्रवाहीं क्यों नहीं हो रही है। इससे न सिर्फ पुलिस बल्कि प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे है।