देहरादून। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि में कमी लाये जाने के उद्देश्य से अच्छा मददगार व्यक्ति (गुड समेरिटन) योजना अब उत्तराखण्ड में शुरू कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत, रोड एक्सीडेंट में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले अच्छे व्यक्ति अथवा व्यक्तियों (गुड समेरिटन) को पुरस्कृत किया जाता है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
श्री कुमार ने बताया कि अब प्रदेश में भी विभागीय गुड समेरिटन पुरस्कार योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति सम्बन्धित विभिन्न कार्यों में से कोई कार्य करता है, तो राज्य पुलिस उसे नगद ईनाम और प्रशंसा पत्र प्रदान करेगी। डीजीपी ने बताया कि यह पुरस्कार सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, दुर्घटना के शिकार व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का राहत एवं बचाव कार्य कर समय से अस्पताल पहुँचाने, घायल अथवा चोटिल व्यक्ति को एम्बुलेंस की उपलब्धता न होने की स्थिति में निजी वाहन से अस्पताल पहुँचाने वालों को प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करने या रक्तदान का प्रचार-प्रसार कर सम्बन्धित ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता की व्यवस्था करने, दुर्घटना में घायल व्यक्ति की आर्थिक रूप से सहायता करना आदि, दुर्घटना की रोकथाम के प्रयास में प्रभावी सहायता, योगदान उपलब्ध कराने, और गुड स्मारटीन्स के सम्बन्ध में विज्ञापन, सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया आदि में व्यापक प्रचार- प्रसार करने वालों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार को राज्य में तीन स्तरों पर प्रदान किया जायेगा। जिसमें पुलिस मुख्यालय स्तर पर उनके स्वयं द्वारा प्रथम पुरस्कार 25,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 10,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 5,000 रुपये तक की धनराशि, यातायात निदेशालय स्तर पर यातायात निदेशक द्वारा, प्रथम पुरस्कार 5,000, द्वितीय पुरस्कार 3,000 और तृतीय पुरस्कार 2,000 रुपये तक की धनराशि और जनपद स्तर पर वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रथम पुरस्कार 3,000, द्वितीय पुरस्कार 2,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 1,000 रुपये तक की धनराशि प्रदान की जायेगी।
श्री कुमार ने बताया कि मददगार व्यक्ति द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के सहायता के सम्बन्ध मे किये गये कार्य के लिए पुरस्कार प्राप्ति हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप में सीधे पुलिस मुख्यालय, जनपद के यातायात कार्यालय, क्षेत्राधिकारी यातायात कार्यालय, पुलिस अधीक्षक यातायात कार्यालय, वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक कार्यालय अथवा यातायात निदेशालय को व्हाट्सएप, ई-मेल, सोशल मीडिया, डाक अथवा स्वयं आकर दे सकते हैं।
पीड़ित की सहायता से सम्बन्धित तथ्य पेपर कटिंग, सोशल मीडिया स्क्रीन शॉट, फोटो वीडियो आदि (यदि उपलब्ध हो तो) भी प्रस्तुत कर सकते हैं। डीजीपी ने बताया कि इस योजना का मकसद सड़क दुर्घटना में सड़क पर पड़े गंभीर घायलों की अनदेखी करने के बजाय, आम नागरिक को उनको नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना है। यह योजना सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की जान बचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग इस काम में सम्मिलित होंगे।