देहरादून: उत्तराखंड को नशामुक्त करने के लिए पुलिस की ओर से ‘नशामुक्त देवभूमि 2025’ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके तहत त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का राज्य, जिला और थाना स्तर पर गठन किया गया है।
थाना प्रभारियों की अहम जिम्मेदारी
इसको लेकर रिजर्व पुलिस लाइन देहरादून में कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नशा तस्करों को पकड़ने के लिए थाना प्रभारियों की अहम जिम्मेदारी बनती है।
ऐसे में यदि स्टेट एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स किसी थाना क्षेत्र में जाकर नशा पकड़ती है तो संबंधित थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा वह खुद करेंगे।
समाज के लिए नशा सबसे बड़ा अभिशाप
मंगलवार को कार्यशाला के दौरान डीजीपी (DGP) ने कहा कि नशा हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। किसी परिवार का बच्चा यदि नशे के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार की जीवनभर की कमाई व इज्जत बरबाद हो जाती है।
मुख्यमंत्री के निर्देशनुसार एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कहा कि नशा तस्करों के विरुद्ध न्यायालयों में प्रभावी पैरवी, साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए विवेचनाओं में गुणवत्ता लाएं।
साढ़े तीन वर्षों में इस प्रकार हुई कार्रवाई
नशे के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए प्रदेश में वर्ष 2019 में 1558 आरोपितों पर कार्रवाई करके 11 करोड़ से अधिक के मादक पदार्थ बरामद किए।
वर्ष 2020 में 1490 आरोपितों पर कार्रवाई करते हुए 13 करोड़ और 2021 में 2165 पर कार्रवाई करके 26 करोड़ के मादक पदार्थ बरामद किए गए।
इसी प्रकार वर्ष 2022 के पहले छह महीने में 794 आरोपितों पर कार्रवाई करके 12 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद किया गया।
इस मौके पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह सहित एसपी, सीओ व सभी थानों व कोतवाली के थानाध्यक्ष व इंस्पेक्टर मौजूद रहे।