बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने किया वेबीनार आयोजित

मिनहाज आलम
भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वेबीनार आयोजित किया गया। वर्ष 2021 का विश्व पर्यावरण दिवस परिस्थितिकी तंत्र की पूर्ण बहाली निर्धारित किया गया है जो परिस्थितिक तंत्र के बहाल पर संयुक्त राष्ट्र दशक के शुभारंभ को परिलक्षित करता है। वेबीनार का मुख्य विषय इकोसिस्टम रीस्टोरेशन क्लाइमेट चेंज एंड बायोडायवर्सिटी के कंस्ट्रक्शन रखा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉ. आरके सोहाने ने वेबीनार में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों का स्वागत किया और पर्यावरण को मानव जीवन के लिए सबसे उपयोगी विषय बताया। डॉ. आरके सोहाने ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए परिस्थिति की तंत्र की पूर्ण बहाली आवश्यक है। उन्होंने कहा कि परिस्थिति तंत्र की बहाली कई रूपों में हो सकती है। जैसे कि प्रदूषण को कम करना, वृक्षारोपण, शहर को हरा-भरा करना, बगीचा एवं तालाबों का पुल निर्माण करना या नदी और तालाबों की सफाई करके उसके प्रदूषण को रोकने का उपयोग करना उद्देश्य है।

अध्यक्ष बिहार विद्यापीठ पटना विजय प्रकाश द्वारा वेबीनार का उद्घाटन भाषण दिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है और यहां की मानव शक्ति बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के अलावा पशु पालन मछली पालन, मुर्गी पालन सहित अन्य कुटीर उद्योगों से प्राप्त होने वाले उत्पाद को उत्पादन के रुप में विकसित करके बिहार को समृ़द्ध राज्य बनाया जा सकता है। वेबीनार में अपना विचार रखते हुए उद्यान निदेशक बिहार नंदकिशोर ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राकृतिक संसाधनों जैसे सिंचाई, जल के तकनीक आधारित उपयोग को व्यवहार में लाने तक विशेष बल देने की बात कही। विशिष्ट अतिथि मुख्य वन संरक्षक बिहार अभय कुमार द्विवेदी ने पर्यावरण के लिए सामाजिक वानिकी को मुख्य माध्यम बनाने की बात कही। विशिष्ट अतिथियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बिहार सरकार द्वारा संचालित योजना कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी और सभी लोगों से सहभागीता की अपील की। डॉ. अंजनी कुमार ने कहा क्लाइमेट चेंज का कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने वाले फलवृक्षों एवं इमारती लकड़ी पेड़ों का रोपण करके पर्यावरण का लाभकारी संरक्षण किया जा सकता है।

मुख्य वक्ता के रुप में आईएफजीटीबी निदेशक डॉ. सी कुनहीकानन कोयंबटूर डॉ. अरुण कुमार हांडा, अनिल झा, डॉ रमेश कुमार झा, डॉ. एके चक्रवर्ती रांची, डॉ. आदित्य कुमार ने अपने अनुभव एवं जानकारी से सभी प्रतिभागियों को लाभान्वित किया। वेबीनार की समाप्ति पर कुलपति डॉ. आरके सोहाने ने बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही जल- जीवन हरियाली कार्यक्रम की विशेष रुप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूरे बिहार राज्य में पिछले वर्ष सरकार द्वारा 2.51 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया था जिसके विरोध में पूरे राज्य में 3.47 करोड़ से अधिक पौध्ेा लगाए गए। संयोजक डॉ. आरएन सिहं ने बताया 16 जुलाई से विश्वविद्यालय द्वारा हर पेड़ पर पेड़ कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉ. मैनका घोष द्वारा ज्ञापित किया गया। पर्यावरण दिवस पर कुलपति डॉ. आर के सोहाने द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वृक्षारोपण में भाग लिया।

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