लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअली शुभारंभ किया। वर्चुअल संगोष्ठी में देशभर के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअली संबोधन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के पास 12 फीसदी कृषि भूमि है पर उत्तर प्रदेश 20 फीसदी खाद्यान्न का उत्पादन करता है। ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश के पास कितना पोटेंशियल है। प्रदेश में 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसानों के लिए कर्ज माफ किया। हमारी सरकार ने कृषि तकनीकि के जरिए अन्न दाता किसान की आय बढ़ाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पूरे दिन चलने वाली इस संगोष्ठी के जरिए हमारे वैज्ञानिक वो तरीका निकालने में सक्षम होंंगे जिससे हम अन्न दाता किसान की आय को बढ़ा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश की 21 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की अतरिक्त सुविधा उपलब्ध करवाई है। हमने प्रदेश में लंबित पड़ी परियोजनाओं को पूरा कर अन्न दाता किसान की समस्याओं काे दूर करने का प्रयास किया है। पूर्व की सरकार में चीनी मिलें बंद करने की नौबत आ गई थी। हमारी सरकार में बंद होने वाली चीनी मिलों को दोबारा जीवन मिला। हमारे किसानों की आय बढ़ाने के लिए मैं यहां मौजूद वैज्ञानिकों को आमंत्रित करता हूं। जिससे हमारे अन्नदाता किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। प्रदेश के जिलों में हम टेस्टिंग लैब भी स्थापित कर रहे हैं। जिससे किसान भाईयों को इसकी मदद मिले।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 86 विज्ञान केन्द्र हैं। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद में कृषि और शोध से जुड़े फसल विज्ञान, बागवानी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कृषि अभियांत्रिकी, पशु विज्ञान, मात्स्यिकी, कृषि शिक्षा, कृषि विस्तार, प्रशासन, वित्त, ज्ञान प्रबंधन, प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कोष संभाग हैं। बता दें कि प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए और किसानों की दशा सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद का गठन किया गया था।