गीताप्रेस के मुख्य द्वार व लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1955 में किया था। उनके बाद राम नाथ कोविन्द पहले राष्ट्रपति हैं, जो शनिवार को गीताप्रेस में आ रहे। वह लीला चित्र मंदिर में सायं पांच बजे देवी देवताओं का दर्शन करने के बाद आम जन को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के आगमन के दृष्टिगत तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
तैयार हो गया है पंडाल व मंच: पंडाल व मंच बनकर तैयार हो गया है। मंच के सामने ढाई सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई। वाराणसी, सूरत, ऋषिकेश, मुंबई से भी अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। वे गीताप्रेस पहुंच चुके हैं। राष्ट्रपति, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य द्वार से प्रवेश करेंगे। आम जन उत्तरी द्वार से प्रवेश करेंगे। पार्किंग की व्यवस्था उत्तरी द्वार पर ही की गई है।
सत्संग भवन में बैठेंगे कर्मचारी: गीताप्रेस कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था सत्संग भवन में की गई है। राष्ट्रपति सबसे पहले उनके बीच जाएंगे और उनका अभिवादन स्वीकार करने के बाद लीला चित्र मंदिर में देवी-देवताओं का दर्शन करेंगे। कर्मचारी टीबी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ेंगे। सत्संग भवन में कार्यक्रम के सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई है।
लीला चित्र मंदिर में होगा फोटो सेशन: दर्शन के बाद लीला चित्र मंदिर में राष्ट्रपति के साथ फोटो सेशन होगा। ट्रस्टी व गण्यमान्य लोग उनके साथ फोटो खिंचवाकर इस पल को यादगार बनाएंगे। वहां राष्ट्रपति के आराम करने के लिए एक कमरा भी तैयार किया गया है। इसके बाद वह आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार लिखेंगे और मंच पर पहुंचेंगे।
जांची गई सुरक्षा व्यवस्था: जिला प्रशासन, पुलिस व सुरक्षा से संबंधित अनेक अधिकारी गीताप्रेस पहुंचे। उन्होंने मुख्य द्वार से लेकर कार्यक्रम स्थल तक निरीक्षण किया। व्यवस्था देखी और सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।
रंग-रोगन हुआ गीताप्रेस: गीताप्रेस को रंग-रोगन कर दिया गया है। फूलों से सजाया गया है। प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गीताप्रेस परिवार राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए तैयार है।