चंपावत की जनता ने आखिरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जीत का ताज पहना दिया। शुक्रवार को जारी परिणामों में सीएम धामी ने 58 हजार से ज्यादा वोट हासिल कर ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली है।
54 हजार से अधिक मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज
उपचुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच जिला मुख्यालय के गौरलचौड़ मैदान स्थित वन पंचायत भवन सभागार में शुरू हुई। जिसके बाद मतगणना से शुरू के चरणों से ही मुख्यमंत्री धामी ने बढ़त बनाए रखी। सुबह दस बजे के बाद स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो गई और जीत का ताज पुष्कर सिंह धामी के सिर पर सज गया।
सीएम धामी ने चंपावत उपचुनाव में 58258 से ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली। उपचुनाव में ईवीएम से 62898 मत और पोस्टल बैलेट से 1303 वोट पड़े थे। उपचुनाव में पुष्कर सिंह धामी को कुल 55025 वोट मिले हैं।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को 3233 वोट मिले। नोटा के लिए कुल 372 वोट पड़े हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीत के बाद जश्न का माहौल शुरू हो गया। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर गुलाल उड़ाया और ढोल नगाड़ों पर खूब थिरके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीत के चार बड़े कारण
चंपावत उप चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीत की संभावना पहले ही जताई जा रही थी। भाजपा भी लगातार बड़ी जीत का दावा कर रही थी।
- पुष्कर सिंह धामी का मुख्यमंत्री होना : पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं और पांचवीं विधानसभा के लिए विगत 14 फरवरी को हुए चुनावों में भाजपा ने बहुमत प्राप्त किया था। पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से पराजित हुए थे, लेकिन उनके नेतृत्व में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इसलिए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया। तभी से उपचुनाव में उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही थी।
- पुष्कर सिंह धामी का युवा नेता और युवा मुख्यमंत्री होना : पुष्कर सिंह धामी युवा नेता और युवा मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंड की जनता के बीच में खासे प्रचलित हैं और पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में चंपावत सीट पहले से ही भाजपा के कब्जे में थी। इसलिए भी उनकी जीत निश्चित मानी जा रही थी।
- केंद्रीय नेताओं के बीच अच्छी छवि होना : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि केंद्रीय नेताओं के बीच अच्छी मानी जाती है। उत्तराखंड में अपने दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेता उनकी तारीफ कर चुके हैं। पीएम मोदी ने तो एक रैली के दौरान सीएम धामी की पीठ भी थपथपाई थी।
- विधानसभा चुनाव में हार के बाद सहानुभूति मिलना : फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से हार गए थे। चंपावत उपचुनाव में मिली जीत को खटीमा में मिली हार की सहानुभूति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
जनता का आभार करने टनकपुर पहुंचे धामी
उपचुनाव का परिणाम आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता का आभार करने टनकपुर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ भारी संख्या में समर्थक भी मौजूद रहे। यहां भाजपा कार्यकर्ता रंग गुलाल उड़ाने के साथ ही मुख्यमंत्री के समर्थन में नारेबाजी करते रहे।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में जश्न
उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी की ऐतिहासिक जीत की खुशी में प्रदेश भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार व सुरेश भट्ट, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी आदि मौजूद थे। इस दौरान ढोल नगाड़ों की थाप पर भाजपा नेताओं ने जश्न मनाया।
मुख्यमंत्री धामी की जीत को लोकतंत्र की हत्या : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चम्पावत उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी की जीत को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के परिणाम चिंताजनक हैं। इसकी हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से जांच कराई जाए।