पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बारिश, बादल फटने से तीन की मौत

 देहरादून।  उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बारिश जारी है। रात उत्तरकाशी में बादल फटने से तीन लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई है। वहीं, बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में मलबा आने से 50 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। हालांकि अभी ये खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे भारी गुजर सकते हैं। इस दौरान देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। हालात के मद्देनजर शासन ने सभी जिलाधिकारियोंको सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।भिलंगना ब्लॉक के घनसाली में मेड गांव में बादल फटने की खबर है। राजस्व टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। लगातार हो रही बारिश से कांगड़ी श्यामपुर क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। गंगा कांगड़ी गांव से सटकर बह रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा के अनुसार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से कम है। अभी जलस्तर 292.5 है, जबकि खतरे का निशान 293 है। एहतियात के तौर पर गंगा किनारे रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने को कहा गया है। सेलाकुई स्थित नदी में पानी के तेज बहाव ने एक 33 केवी के विद्युत पोल को उखाड़ दिया। औद्योगिक क्षेत्र को बिजली की सप्लाई देने वाली लाइन का पोल बह जाने से उद्योगों में उत्पादन कार्य ठप हो गया। ऊर्जा निगम ने फिलहाल, ढकरानी विद्युत लाइन से उद्योगों की सप्लाई को सुचारु कर दिया है। लगातार दूसरे दिन भी जारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्र में जन जीवन अस्त व्यस्त है। सौंग नदी अब भी उफान पर है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। साहबनगर के बाद अब गौहरीमाफी में भी अस्थाई बाढ़ सुरक्षा कार्य नदी के उफान में बह गए। गौहरीमाफी में कुछ दिन पहले ही सौंग नदी की धारा डायवर्जन को मिट्टी बालू की कच्ची दीवार खड़ी की गई थी। इसके ध्वस्त होने से रुख गौहरीमाफी गांव की तरफ हो गया है। जल स्तर तेजी से बढ़ा तो गांव वक्त बाढ़ का खतरा बनेगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में तमाम जगज जलभराब से आम जन की मुसीबतें बढ़ गयी हैं। सत्यनारायण-गौहरीमाफी संपर्क मार्ग पर देर रात एक भारी भरकम पेड़ गिर गया जिससे यह सड़क अवरुद्ध है।

रुड़की में सुबह से हो रही बारिश के चलते छह नंबर बिजली घर से रेलवे रोड जाने वाली बिजली की लाइन में फाल्ट आ गया है, जिसकी वजह से दो घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। ऊर्जा निगम के कर्मचारियों की टीम फाल्ट को तलाशने में लगी है, लेकिन अभी तक नहीं मिल पाया है। वहीं, लाइट ना होने की वजह से इंटरनेट भी ठप है। इसके चलते ऑनलाइन कक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं। लाइन में फाल्ट को लेकर अब तक ऊर्जा निगम के 6 नंबर बिजली घर पर 27 शिकायतें आ चुकी हैं। उत्तरकाशी में रविवा रात को निरकोट और कंकराणी क्षेत्र में बादल फटा। निराकोट क्षेत्र से जलजला मांडो गांव पहुंचा, जहां तीन लोग जिंदा दफन हो गए। एसडीआरएफ और पुलिस की खोज बचाव टीम ने सोमवार तड़के तीन बजे के करीब उनके शव बरामद किए। इनमें माधुरी पत्नी देवानन्द, उम्र 42 वर्ष, रीतू पत्नी दीपक, उम्र 38 वर्ष, ईशू पुत्री दीपक, उम्र तीन वर्ष शामिल है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ। शनिवार रात से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। इस दौरान प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों विशेषकर देहरादून और हरिद्वार में मेघ जमकर बरसे। बीते 24 घंटे में देहरादून में 132 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। बारिश से शहर और कस्बों में जगह-जगह जलभराव हो गया है। कई इलाकों में पानी घरों में भी घुस गया। देहरादून में भूस्खलन से कुछ भवन आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। इसके अलावा हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बरसाती नदियों का जलस्तर बढऩे से ग्रामीण दहशत में हैं। दूसरी ओर कुमाऊं में हालात गढ़वाल मंडल जैसे ही हैं। भूस्खलन से कई जगह संपर्क मार्ग बाधित हैं। चम्पावत जिले में पूर्णागिरि मार्ग पर चट्टान दरकने से दोपहर दो बजे से मार्ग बंद होने के कारण पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आए दर्जनों श्रद्धालु फंस गए। वहीं चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह आठ बजे धौन-स्वाला के बीच मलबे के साथ बोल्डर गिरने से वाहनों का आागमन ठप हो गया। दोपहर बाद मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू की जा सकी। इस दौरान साढ़े चार घंटे तक यात्री रास्ते में फंसे रहे। पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग में नया बस्ती मुनस्यारी के निकट भालू खोल्टा में एक ट्रक के फंसने से मार्ग छह घंटे मार्ग यातायात के लिए बंद रहा। लोडर मशीन से ट्रक निकाल कर मार्ग खोला गया। नैनीताल जिले के रामनगर में अतिवृष्टि के बाद पानी के वेग से चोरपानी गांव में एक मकान ध्वस्त गया। हालांकि परिवार में सभी सुरक्षित हैं।बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में सबसे अधिक 187 मिमी बारिश नैनीताल जिले में रिकार्ड की गई। बागेश्वर में यह आंकड़ा 162 मिमी रहा। वहीं मसूरी में सबसे कम 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। हरिद्वार के पास श्यामपुर में पीली नदी पर पुल निर्माण में जुटे चार श्रमिक एक टापू में फंस गए। प्रशासन के अनुसार ये श्रमिक रात को पीली नदी के बीच एक टापू पर ही सो गए। एकाएक नदी का जलस्तर बढ़ गया। पुलिस को इसकी सूचना मिली तो राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से चारों श्रमिकों को सकुशल निकाल लिया।

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