ईश्वर का संग कर के ही जीवन को सफल बनाया जा सकता हैः साध्वी आस्था भारती

-दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री कृष्ण कथा का यूट्यूब पर विशेष प्रसारण
देहरादून। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित दिव्य धाम आश्रम दिल्ली में श्री कृष्ण कथा का प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल पर वर्चुअल वेबकास्ट के माध्यम से किया जा रहा है। डीजेजेएस के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास साध्वी आस्था भारती ने कथा के तीसरे दिवस बताया कि भगवान श्री कृष्ण उद्धव जी से सत्संग का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जगत के प्रति जीव के अंतःकरण में जितनी आशक्तियाँ हैं, जितनी भी कामनाएँ हैं, वह सत्संग के द्वारा नष्ट हो जाती हैं।

सत्संग ही मुझे अत्यधिक प्रिय है अर्थात सत्संग के द्वारा ही प्रभु को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। प्रभु प्राप्ति का सबसे सरल एवं सुगम मार्ग सत्संग ही है। कथाव्यास ने कहा- सत्संग शब्द सत् और संग दो शब्दों से जुड़कर बना है। प्रभु का साक्षात्कार ही वास्तविक सत्संग है। सत्य का संग किए बिना केवल हरि चर्चा मात्र से कल्याण असंभव है। सत्य को जाने बिना मोह भंग नहीं हो सकता। और जब तक मोह रूपी अज्ञानता का नाश नहीं होगा, तब तक प्रभु के चरणों में प्रीति भी दृढ़ नहीं हो सकती। उन प्रभु तक पहुँचने का केवल एक ही मार्ग है। किसी भी देश में पहुँचने के लिए भिन्न-भिन्न मार्ग हो सकते हैं क्योंकि वह एक स्थान एक जगह पर स्थित है। परंतु परमात्मा किसी एक स्थान पर स्थित नहीं है। वे तो कण-कण में निवास करते हैं इसलिए उस परमात्मा को जानने के मार्ग भी अनेक नहीं, एक ही है। उसी एक ज्ञान की चर्चा करते हुए श्री कृष्ण कहते है कि परमात्मा को तत्व से जानने वाले किसी ज्ञानी पुरुष अर्थात सतगुरु की शरण में जाकर उन्हें दण्डवत प्रणाम करके और निष्कपट भाव से परमात्मा के संबंध में प्रश्न पूछ और उसके बाद उनके चरणों की सेवा कर उस ज्ञान को तत्व से जानो। कथा का विशेष प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है।  

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