रमज़ान शरीफ: एक आदमी का “सदका-ए-फितर” 36  रुपये, क्या होता है “सदका-ए-फितर” ?

देवबंद: ईदगाह वक्फ कमेटी की बैठक में कमेटी सदस्यों ने दारुल उलूम से लिए फतवे के आधार पर इस वर्ष एक आदमी का सदका-ए-फितर 36 रुपये होने का एलान किया है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज सुबह 7.30 बजे अदा कराई जाएगी। कमेटी में तीन नए सदस्यों को भी शामिल किया गया है।

दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम व ईदगाह वक्फ कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सुफियान कासमी के आवास पर आयोजित हुई कमेटी की बैठक में पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के इंतकाल होने के चलते इस वर्ष ईदगाह में मौलाना सुफियान कासमी ईद की नमाज अदा कराएंगे। बैठक में तीन नए सदस्यों को कमेटी में लिया गया है। जिसमें अब्दुल मन्नान, कलीम हाशमी और फहीम अख्तर शामिल हैं। कमेटी ने ईदगाह में नमाज के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति के लिए एक पत्र अधिकारी को भेजे जाने का भी निर्णय लिया है। कमेटी सदस्यों ने ईद की नमाज के लिए ईदगाह के आसपास व्यवस्था कराए जाने को लेकर नगर पालिका चेयरमैन को एक पत्र भी भेजा है। इस दौरान अनस सिद्दीकी, डॉ. अनवर सईद, तहसीन खां, इनाम कुरैशी, सईद अहमद अंसारी, उमैर उस्मानी आदि मौजूद रहे।

क्या होता है सदका-ए-फितर

देवबंद। गरीबों को ईद की खुशी में बराबर शामिल करने के उद्देश्य से सदका-ए-फितर निकाला जाता है। सदका-ए-फितर उस व्यक्ति पर वाजिब होता है जो मालदार हो। लेकिन अगर कोई व्यक्ति हैसियत न होने के बावजूद सदका-ए-फितर अदा करता है तो उसको अल्लाह सवाब से मालामाल करेगा। अल्लाह का हुक्म है कि ईद की नमाज से पूर्व सदका-ए-फितर अदा करना चाहिए।

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