कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पुलिस-प्रशासन सख्त, पर्यटन स्थलों पर बढ़ाया ‘पहरा’

देहरादून: राजधानी में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुलिस ने बॉर्डर के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर चौकसी बढ़ा दी है. देहरादून के तमाम पर्यटन स्थलों पर पुलिस जवानों की संख्या को बढ़ाया गया है. बता दें, बीते दिनों पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ की तस्वीरें वायरल होने के बाद देहरादून पुलिस ने अब वीक एंड पर चौकसी को बढ़ा दिया है. अब पुलिस को सख्ती के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। वीक एंड पर देहरादून में पर्यटक स्थलों पर बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. ऐसे में वीक एंड पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए पुलिस ने फोर्स का डिप्लॉयमेंट किया है. साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू का पालन करते हुए पर्यटन स्थल गुच्चूपानी में किसी भी पर्यटक को नदी में नहीं उतरने दिया जा रहा है. एक बार में केवल 50 पर्यटकों को ही अंदर घूमने की अनुमति दी जा रही है। किमाड़ी बैरियर पर लगातार चेकिंग करते हुए गाइडलाइन के मुताबिक ही पर्यटकों को मसूरी की ओर भेजा जा रहा है. एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि उच्चाधिकारियों के अनुसार आरटीपीसीआर रिपोर्ट और तमाम मानकों के पूरा होने के बाद ही पर्यटन स्थलों पर घूमने की अनुमति दी जा रही है।

पर्यटक स्थलों पर मर्यादा का पालन न करने पर भी ‘ऑपरेशन मर्यादा’ के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी पर्यटक नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके साथ सख्ती की जा रही है।उधर, पहाड़ों की रानी मसूरी में भी पुलिस व प्रशासन कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सख्त नजर आ रहा है. पिछले वीक एंड पर मसूरी में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी. वहीं, इस वीक एंड बाजार व मालरोड सूने पड़े हैं. वहीं, होटलों में बुकिंग भी 30 फीसदी तक कम हो गई है. ऐसे में होटल व्यवसायी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। होटल व्यवसायी चतर सिंह रावत का कहना है कि पुलिस-प्रशासन की सख्ती की मार छोटे होटलों पर पड़ रही है. ऐसे कई होटल हैं जो ऑफ लाइन व्यवसाय करते हैं. ऐसे में पर्यटन सीजन में भी कमरे नहीं लग पा रहे हैं. वहीं, कई पर्यटक ऐसे भी आ रहे हैं, जिनके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं है, उन्हें होटलों में ठहराया नहीं जा सकता है।

होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा जारी एसओपी का होटल एसोसिएशन स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है। अगर सुरक्षित रहे तो व्यवसाय तो बाद में भी हो जायेगा। लेकिन जिन लोगों के होटलों में ऑफ लाइन बुकिंग होती है, उन्हें जरूर प्रभाव पड़ा है. वैसे तो सभी प्रभावित हैं, लेकिन शहर को बचाने के लिए एसओपी का पालन भी जरूरी है. इस वीक एंड पर 50-60 फीसदी ही बुकिंग हुई है।

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