पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर द्वारा खारिज करने के बाद राजनीतिक बवाल काफी बढ़ गया है। इमरान खान लगातार इसको विदेशी ताकत द्वारा विपक्ष के साथ मिलकर रची गई एक साजिश बता रहे हैं। रविवार को डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के दिए गए फैसले के बाद से पाकिस्तान में राजनीतिक सरगर्मियां भी काफी तेज हो गई है। इस बीच एक नाम भी काफी तेजी से सुनाई दे रहा है। इस नाम का जिक्र प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने सांसदों को संबोधित करते हुए भी किया है। उन्होंने इस साजिश के पीछे एक अमेरिकी का नाम लिया है जिसका नाम डोनाल्ड लू है।
इमरान खान के पीएम आफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया गया है जिसमें पीएम के संबोधन की क्लीपिंग को दिखाया गया है। इसमें पीएम ने कहा है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक हुई थी। उसमें इसके सदस्यों के पास में पाकिस्तान के राजदूत और अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू के बीच हुई बैठकों का पूरा ब्यौरा था। सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में मौजूद अधिकारियों के पास इस बैठक के मिनट्स भी थे। इसके अलावा इसमें अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की साजिश रची जा रही है और इसमें सीधेतौर पर विदेशी ताकत शामिल हैं।
अपने संबोधन में उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान में लगातार विपक्ष के नेताओं की अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों से होती रही हैं। उनके मुताबिक इस तरह की मुलाकात आमतौर पर कभी-कभी हालचाल लेने तक सीमित होती हैं। लेकिन पिछले दिनों जो कुछ हुआ वो इससे कहीं अधिक था। इस तरह की मुलाकातों की संख्या काफी अधिक थी। ये इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की सरकार को गिराने की साजिश काफी तेजी से चल रही थी।
उन्होंने ये भी कहा कि अब तक विपक्ष इस बात को नहीं समझ पा रहा है कि आखिर ये क्या और क्यों हुआ। इमरान ने कहा कि जब नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने साफ कर दिया कि इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने में विदेशी ताकत का हाथ था, तो फिर किसी भी सवाल जवाब की जरूरत ही नहीं होती है। न ही ये कहने की जरूरत है कि हमारे पास नेशनल असेंबली में कितने नंबर थे।