मुख्य न्यायाधीश ने लॉंच किया सॉफ्टवेयर, अब जमानत मिलने के तुरंत बाद, जेल से रिहा होगा क़ैदी…

नई दिल्ली: कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने गुरुवार को ‘Fast and Secured Transmission of Electronic Records’ (FASTER) साफ्टवेयर लान्च किया है। मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार सुबह 10 बजे वर्चुअली इस साफ्टवेयर को लान्च किया। चीफ जस्टिस ने इसके लिए जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जे खानविलकर और जस्टिस गुप्ता का धन्यवाद किया है। आपको बताते हैं कि ‘फास्टर’ साफ्टवेयर के जरिए कैदियों की रिहाई प्रक्रिया कैसे तेज होगी…

रिहाई प्रक्रिया कैसे होगी तेज?

दरअसल, अभी कैदियों को जमानत मिलने के बाद आदेश की कापी जेल प्रशासन तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है, जिस वजह से कैदियों की रिहाई में 2-3 दिन की देरी हो जाती है। ‘फास्टर’ के जरिए आदेश की कापी को जल्दी और सुरक्षित तरीके से इल्केट्रानिक मोड में भेजा जाएगा। जिससे कैदियों की रिहाई में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

फास्टर सिस्टम लान्च करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि जुलाई मे अखबार मे एक खबर पढ़ी थी कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी कैदी तीन दिन बाद भी जेल से नहीं छूट सका था, क्योंकि कोर्ट की कापी जेल तक नहीं पहुंची थी। इसीलिए तब इस सिस्टम को लान्च करने के बारे में सोचा गया।

सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में दिया था आदेश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सितंबर में आदेशों की कापी को जल्द पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रानिक सिस्टम लांच करने के आदेश दिए थे। रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिस्टम पर काम करने का सुझाव दिया था।

मेल से जुड़ेंगे अधिकारी

चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘फास्टर’ के लिए 73 नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। इन अधिकारियों को विशिष्ट न्यायिक संचार नेटवर्क से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी दूसरे न्यायिक अधिकारियों और जेल प्रशासन के साथ मेल के जरिए जुड़ेंगे। नोडल और अन्य अधिकारियों के 1887 ईमेल आईडी बनाई गई हैं।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *