शहीद जगेंद्र चौहान का पार्थिव शरीर पहुंचा उत्तराखंड

देहरादून। देहरादून का एक और लाल देश की सीमा पर शहीद हो गया। समाचार एजेंसी आरएनएस के अनुसार शहादत सियाचिन ग्लेशियर में हुयी थी। जहां हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान पुत्र सेवानिवृत सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान निवासी ग्राम कान्हरवाला भानियावाला डोईवाला देहरादून, देश के लिए शहीद हो गये थे।आपको बता दें कि आज को शुक्रवार को शहीद हवलदार जागेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर उत्तराखंड पहुंच चुका है

सियाचिन में ड्यूटी में गश्त के दौरान ग्लेशियर टूटने के कारण हुए हादसे में बलिदान देने वाले कान्हरवाला डोईवाला निवासी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके आवास पर लया गया। हरि‍द्वार में पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया

देश के लाल कीसियाचिन गलेश्यर में शहीद होने की खबर से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। पूरे गांव में मातम छाया रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार डोईवाला के कान्हरवाला, भानियावाला में रहने वाले जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। उनके पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान भानियावाला में रहते हैं।

जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट ए डी बटालियन में कार्यरत थे उनकी उम्र 35 वर्ष थी। उनकी माता विमला देवी है। वह विवाहित थे उनकी पत्नी का नाम किरण चौहान है इनके कोई संतान नहीं है।

का एक और लाल देश की सीमा पर शहीद हो गया। समाचार एजेंसी आरएनएस के अनुसार शहादत सियाचिन ग्लेशियर में हुयी थी। जहां हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान पुत्र सेवानिवृत सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान निवासी ग्राम कान्हरवाला भानियावाला डोईवाला देहरादून, देश के लिए शहीद हो गये थे।आपको बता दें कि आज को शुक्रवार को शहीद हवलदार जागेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर उत्तराखंड पहुंच चुका है

सियाचिन में ड्यूटी में गश्त के दौरान ग्लेशियर टूटने के कारण हुए हादसे में बलिदान देने वाले कान्हरवाला डोईवाला निवासी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके आवास पर लया गया। हरि‍द्वार में पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया

देश के लाल कीसियाचिन गलेश्यर में शहीद होने की खबर से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। पूरे गांव में मातम छाया रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार डोईवाला के कान्हरवाला, भानियावाला में रहने वाले जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। उनके पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान भानियावाला में रहते हैं।

जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट ए डी बटालियन में कार्यरत थे उनकी उम्र 35 वर्ष थी। उनकी माता विमला देवी है। वह विवाहित थे उनकी पत्नी का नाम किरण चौहान है इनके कोई संतान नहीं है।

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