मतदान संपन्न हुए करीब 2 दिन बीत गए हैं लेकिन हरीश रावत एक बार फिर सोशल मीडिया में अपनी बात रखने में गुरेज नहीं कर रहे हैं हमेशा से सक्रिय रहने वाले हरीश रावत ने अभी कुछ घंटे पहले सरकार बनने के बाद की परिस्थितियों का आकलन करते हुए जो वादा किया हुआ है एक बार उन्होंने फिर दोहराया है पढ़े रावत जी के विचार।
मतदान हो चुका है, चुनावी वादे हवा में अभी भी गुंजायमान हैं। हमने एक विशेष वादा अपने पुलिस के जवानों से किया है, वो वादा है उनकी ग्रेड पे को पुनः पुराने स्तर पर लाने का। पुलिस की सेवाओं विशेष तौर पर उनके ड्यूटी हावर्स व ड्यूटी के दौरान विद्यमान चुनौतियों और उपलब्ध मानवीय सुविधाओं को लेकर किसी अन्य राजकीय सेवा से नहीं की जा सकती है। हमें एक बात समझनी होगी कि पुलिस ने जैसे संगठन को अपनी मांग के लिए सड़कों पर नहीं आना चाहिए। मगर वो न आएं इसके लिए हमें हमेशा सजग रहना होगा और उनकी मांगों को राजनीतिक जोड़-तोड़ से हटकर देखना आवश्यक है। मैं जानता हूं कई बार पुलिसकर्मियों को अपने कर्तव्य को निभाने के लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक दायित्वों से मुंह मोड़ कर भी ड्यूटी देनी पड़ती है, ऐसी स्थिति में उनके कार्य की गुणवत्ता बड़े यह दायित्व राज्य का है और राज्य के राजनीतिक नेतृत्व का है। कांग्रेस कार्यकाल में हमने पुलिस विभाग के रिक्त पदों को भरने में हमेशा वरीयता दी और पुलिस भर्ती के रिकॉर्ड से और उनकी प्रमोशन की संख्या के रिकॉर्ड से भी इस बात को देखा व समझा जा सकता है, क्योंकि पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति में 24X7 काम करना होता है। इसलिये मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो हम इनको सामान्य तौर पर कर्मचारी संगठनों की मांगों से अलग हटकर के देखेंगे और इनके संदर्भ में निर्णय भी लीक से हटकर के ही लिया जाएगा।मैं पुलिसकर्मियों के कुटुंबीजनों से भी प्रार्थना चाहूंगा कि नई सरकार बनने जा रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि राज्य की जनता कांग्रेस को विश्वास दे रही है। आप हमें समुचित समय दें और हम नहीं चाहते कि आपके द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद इस मामले का समाधान निकालें। हम स्वस्पूरित तरीके से इस मामले का समाधान निकालने के लिए वचनबद्ध हैं।