देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बागी प्रत्याशी लगातार बढ़ा रहे हैं और आज नाम वापसी की अंतिम तारीख है. लिहाजा दोनों ही दलों ने अपने दिग्गजों को बागियों को मनाने में लगा दिया हैं. हालांकि कुछ सीटों पर दोनों ही दलों का कामयाबी मिली है, लेकिन कुछ सीटों पर बागी अभी भी चुनाव लड़ने के लिए अड़े हुए हैं. वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने बागियों को अल्टीमेटम दिया है कि अगर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला वापस नहीं लिया तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा.
राज्य में बीजेपी के 22 बागियों ने 16 और कांग्रेस के बागियों ने 13 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया है. दोनों ही दल रविवार को बागियों के मनाने में जुटे रहे और कुछ सीटों पर कामयाबी भी मिली. बीजेपी ने अपने संसदीय क्षेत्रों में बागियों को मनाने की जिम्मेदारी अपनी पार्टी के सांसदों को सौंपी है. वहीं कपकोट में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक शेर सिंह गडिय़ा को मनाने में कामयाब रहे और उन्होंने वादा किया कि वह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. जबकि कालाढूंगी से नामांकन कराने वाले पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट को मनाने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत हल्द्वानी पहुंचे और बताया जा रहा है कि बिष्ट आज अपना नामांकन वापस लेंगे. जबकि गढ़वाल सीट पर पार्टी ने बागियों को मनाने का जिम्मा पूर्व सीएम और सांसद तीरथ रावत को दिया है. जबकि हरिद्वार सीट सीट की जिम्मेदारी पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक को सौंपी.
देहरादून में डेरा डाले हुए हैं बलूनी
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने देहरादून में डेरा डाला हुआ है और वह कोटद्वार और डोईवाला सीट के बागियों के संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि बलूनी की सौरभ थपलियाल और सुभाष भट्ट से बात हुई है और वह भी चुनाव से बाहर होने के लिए तैयार हैं. जबकि कुछ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस लेने का आश्वासन दिया है.