देहरादून। उत्तराखंड में नामांकन की तिथि नजदीक आते ही भाजपा और कांग्रेस में बड़े नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। दोनों दलों में टिकट की चाहत रखने वाले नेता रीति नीति और सिद्धांतो से प्रभावित होने की बात कर एक दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं। जो कल तक भाजपा और कांग्रेस को पानी पी- पीकर कोसता था आज वे सिद्धान्तवादी हो गए हैं। गुरुवार को विपरीत विचारधारा के वरिष्ठ नेताओं ने एक दूसरे दलों को अलविदा कह दिया। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व में मंत्री रहे किशोर उपाध्याय और टिहरी से भाजपा विधायक धन सिंह नेगी का नाम भी जुड़ गया है।
बृहस्पतिवार को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित इस सदस्यता ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री व उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, राज्य मंत्री अजय भट्ट व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर केंद्रीय मंत्री एवं उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का स्वागत करते हुए किशोर उपाध्याय ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में आए हैं, यह सुखद अहसास है।
प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा भारतीय जनता पार्टी के विचारों से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों से प्रेरित होकर आज किशोर उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी के परिवार के सदस्य बन गए हैं।
उधर नई टिहरी से भारतीय जनता पार्टी के सिटिंग विधायक धन सिंह नेगी को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह नाराज होकर कांग्रेस के पाले में चले गए। विधायक नेगी को कांग्रेस भवन में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और चुनाव कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कांग्रेस का पट्टा पहनाकर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। उनका कहना था इन 5 सालों में मेरे द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं बावजूद इसके पार्टी ने उन पर भरोसा नहीं जताया। उन्होंने भाजपा पर टिकट बंटवारे को लेकर लेन दन का आरोप भी लगाया।
दरअसल विरोधी पार्टियों के खिलाफ पिछले 5 सालों से तैयारी कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने दलबदल से अब मुश्किल है खड़ी हो गई है। चूंकि विरोधी नेता ही उनकी पार्टी में शामिल है जिनके खिलाफ वह सालों से जमीन तैयार कर रहे थे। राजनीतिक दलों के नेताओं के पाला बदलने से जनता भी पशोपेश में है।