देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. सीएम धामी ने उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद हरक सिंह रावत भावुक हो गए और वह रोते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की. हरक सिंह रावत ने कहा कि, ‘बीजेपी इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की. अगर मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं होता तो 4 साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे देता. मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था.’ हरक सिंह रावत को बीजेपी से भी निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उनपर ये कार्रवाई हुई है. हरक सिंह रावत ने कहा कि अब मैं निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जीताने का काम करूंगा. हम पिछले पांच साल के नौजवान को रोजगार नहीं दे पाए, उत्तराखंड क्या नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया है.
हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं अमित शाह से मिलना चाहता था. वो कह रहे हैं मैं दो टिकट मांग रहा हूं, पहले क्या इस तरह से टिकट नहीं दिए गए. मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है. आज मेरे माध्यम से उत्तराखंड का भला होने जा रहे है. अपनी गलती को छुपाने के लिए ये किया गया है. मैं इन सब को जानता हूं.
सीएम धामी ने दिया ये जवाब
हरक सिंह रावत के खिलाफ हुई कार्रवाई पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने के लिए पार्टी पर दबाव डाल रहे थे लेकिन हमारी एक अलग नीति है. हम एक परिवार के केवल एक सदस्य को चुनाव के लिए पार्टी का टिकट दे रहे हैं.
हरक सिंह रावत के खिलाफ इस वजह से हुई कार्रवाई
बता दें कि हरक सिंह रावत 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. हालांकि वह पिछले लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे. हरक सिंह रावत लगातार अपनी नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जता भी रहे थे. बताया ये भी जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपने अलावा अपनी बहू के लिए भी विधानसभा का टिकट मांग रहे थे. लेकिन बीजेपी ने साफ तौर पर उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि एक परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं दिया जा सकता.