या था.
इससे पहले मंत्री हरक सिंह रावत को विरोधी तेवर अपनाने के चलते बीजेपी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. वहीं पार्टी के निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा, “मैं अमित शाह से मिलना चाहता था. वह कह रहे हैं कि दो टिकट मांग रहे हैं पहले क्या इस तरह से टिकट नहीं दिए गए हैं क्या? मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है. हम पिछले पांच साल में नौजवानों को रोजगार नहीं दे पाए क्या उत्तराखंड नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया गया है. बीजेपी किस तरह के लोगों को प्रदेश चलाने के लिए देना चाहती है.”
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए थे शामिल
बता दें कि रावत पहले भी कई बार बगावती तेवर दिखा चुके हैं. साल 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. उस समय 2017 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. उसके बाद से ही राज्य नेतृत्व से लगातार उनकी तकरार होती रही है जो अब खुलकर सामने आ चुकी है.