सहसपुर विधानसभा में बीजेपी कांग्रेस असमंजस में , बीजेपी में वर्तमान विधायक का विरोध चरम पर तो कांग्रेस में दावेदारों की भीड़

सहसपुर का विधानसभा सीट चुनाव हमेशा से दिलचस्प रहा है इस बार भी यहाँ चुनाव रोचक होने की पूरी संभावना बनी हुई हैं हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस में कलह साफ दिखाई दे रही है। हैरानी की बात है की यहाँ लगभग एक दर्जन कांग्रेसी नेता टिकट के लिये दावा ठोक रहे हैं और सभी अकेले-अकेले क्षेत्र में तैयारी करते भी देखे जा रहे हैं वहीं बाहरी स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा भी एक बार फिर उछाल मार रहा है ये बात अलग है की किसी स्थानीय को टिकट मिलने के बाद भी मामला शांत नहीं होने वाला है क्योंकि सभी की अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं वैसे कांग्रेस से यहाँ टिकट की दौड़ में जो दो प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं वह आर्येंद्र शर्मा और राकेश नेगी का है वहीं हरिश रावत की भी नजर सहसपुर सीट पर बनी हुई है तो वहीं किशोर उपाध्याय भी सहसपुर से खाई चोट से आज तक कराह रहे हैं। वहीं इस बार सहसपुर सीट पर भाजपा में भी स्थितियाँ आसान नहीं हैं हालांकि पिछली दो टर्न में सहदेव सिंह पुंडिर का ही नाम यहाँ प्रमुख रहा आसानी से उन्हें टिकट भी मिला और आसानी से उन्होंने जीत भी दर्ज की लेकिन इस बार माहौल अलग है जनता में इस बार सहदेव सिंह पुंडिर का विरोध देखा जा रहा है  इसलिये राह बिल्कुल भी आसान नहीं है क्योंकि भाजपा से ही उन्हें प्रतिस्पर्धा देने नवीन ठाकुर पूरी मजबूती के साथ मैदान में हैं। जिस तरह से भाजपा संगठन कई वर्तमान विधायकों के टिकट काटने का लगातार दम‌ भर रहा है इस बात को देखते हुए सहसपुर से नवीन ठाकुर का टिकट होने की‌ निश्चित संभावना बनी हुई है।

वैसे आने वाले दिनों में कुछ भी हो लेकिन एक बात साफ है की सहसपुर सीट कांग्रेस की सीट है यहाँ कांग्रेस का वोट ज्यादा है ये हम पिछले विधानसभा चुनावों में देख भी चुके हैं लेकिन कांग्रेस की आपसी फूट के कारण यह सीट लगातार तीन बार भाजपा की झोली में गई है ऐसे में अगर कांग्रेस एकजुट हो जाये तो भाजपा के लिये परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। वहीं प्रत्याशी बदलने पर माहौल भाजपा के पक्ष में हो सकता है।

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