हरिद्वार। साइंस डिवाइन फाउंडेशन के तीन दिवसीय आवासीय ध्यान साधना शिविर का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए फाउंडेशन के संस्थापक व मार्गदर्शक साक्षी ने कहा कि ध्यान मनुष्यता के संकटों के निवारण की कुंजी है। यही वह एकमात्र रास्ता है जिसके माध्यम से व्यक्ति शरीर के तल से उपर उठकर अपने अंदर छिपे देवत्व को देख सकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य आज कामनाओं के जाल में फंस कर अपनी सुख शांति गंवा बैठा है। इनमें बहुत सी कामनाएं तो ऐसी होती हैं जिनके बारे में हमें खुद नहीं पता कि ये हमारे लिए शुभ हैं या अशुभ। कामनाओं के इस जाल को काटना और सत चित आनंद की स्थिति को प्राप्त होने का नाम ही ही ध्यान है। उन्होंने “एक गलत धारणा यह है कि ध्यान सिर्फ उन्हीं के लिए है जो जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के आकांक्षी हैं। वास्तविकता यह है कि भौतिक सफलताओं के लिए भी यह अत्यंत उपयोगी है। मनुष्य का दिमाग अनंत शक्तियों का स्रोत है। परंतु अज्ञानतावश हम इन शक्तियों से अनभिज्ञ हैं। ध्यान इन अनंत शक्तियों से साक्षात्कार की कुंजी है। आप इसका जीवन में भौतिक सफलताओं के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। तीन दिवसीय साक्षी साधना शिविर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार के निष्काम सेवा ट्रस्ट में शुरू हुआ। शिविर में देश-विदेश से आए सैकड़ों साधक हिस्सा ले रहे हैं। इस तीन दिवसीय शिविर में साक्षी के मार्गदर्शन में साधक उनके द्वारा अविष्कृत ध्यान की विभिन्न विधियां सीखेंगे। शिविर का समापन रविवार को होगा। साक्षी श्री ने कहा कि, “एक सुखी व संतुष्ट जीवन के लिए भौतिकता व आध्यात्मिकता में संतुलन आवश्यक है।” इस संतुलन को हासिल करने के लिए उन्होंने लोगों को तीन महामंत्र बताए। ये महामंत्र हैंय विचार शक्ति के प्रयोग का विज्ञान, विचार शून्यता का विज्ञान और सदैव आनंदित रहने का विज्ञान। उन्होंने कहा कि “फाउंडेशन की स्थापना के पीछे शुरू से ही हमारा ध्येय था कि इन तीन महामंत्रों को जन-जन तक पहुंचाया जाए ताकि प्रत्येक व्यक्ति इन महामंत्रों के माध्यम से जीवन में भौतिक सफलता प्राप्त करते हुए आत्म साक्षात्कार के परम लक्ष्य को उपलब्ध हो सके क्योंकि ध्यान ही मनुष्यता के के संकटों के निवारण की कुंजी है।