कितने दूर कितने पास, आखिर हरदा को होने लगा, हरक के साथ “अपनेपन” का एहसास…

देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के बीच अब दूरियां कम होने लगी हैं। 24 घंटे के भीतर ही दोनों के बीच दूसरी बार बातचीत होने से फिर सियासी माहौल गर्मा गया। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत सोमवार को पिटकुल कार्मिकों के धरना स्थल पहुंचे। वहां पिटकुल में कार्यरत अवर अभियंताओं ने अपनी पीड़ा उन्हें बताई। उन्होंने कहा कि 102 पदों पर उनकी दावेदारी को रोका गया है। उन्होंने मांग न मानने पर आंदोलन तेज करने और अनशन की चेतावनी भी दी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने मोबाइल फोन पर ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत से बात की।उन्होंने कहा कि इन कार्मिकों का मसला हल होना चाहिए। इन्हें बातचीत के लिए बुलाया जाए। कैबिनेट इनके बारे में निर्णय लेगी।

बातचीत में डा हरक सिंह रावत ने कहा कि वह मांगों के समाधान के लिए प्रयासरत हैं। पिछले साढ़े चार साल से ज्यादा समय से हरीश रावत और हरक सिंह के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दोनों एकदूसरे को निशाने पर लेते रहे हैं। बीते रोज हरीश रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र से ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह से मोबाइल फोन पर बात की थी।

बागियों को फिर बताया लोकतंत्र का रावण

इससे पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में सोमवार को मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरक सिंह समेत पिछली कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत करने वालों को लोकतंत्र का रावण करार दिया। कांग्रेस के बागियों के पिछला विधानसभा चुनाव जीतने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का रावण चुनाव जीतने से पापमुक्त नहीं हो सकता। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बतौर मंत्री सरकार के पौने पांच साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताकर उन्होंने अपने अपराध को जनता के समक्ष कबूल भी किया है। यह साबित हो गया कि पापयुक्त सरकार ने जनता को निराश किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खनन मुख्यमंत्री करार दिया। साथ ही कहा कि नदियों में खनन की वजह से रानीपोखरी समेत कई स्थानों पर पुल टूटे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *