नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय) कहते है कि इंसान अगर कुछ कर दिखाने की ठान ले तो वो उस काम को पूरा करके ही दम लेता है। दिल्ली के पहाड़गंज की एक बेटी सुश्री वैशाली आर्य ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। जिसने बनस्थली विश्विद्यालय में शिक्षा स्नातकोत्तर में टॉप किया है। एक साधारण परिवार में रहने वाली वैशाली आर्य की शिक्षा की शुरुआत दिल्ली के पहाड़ गंज स्थित सेंट एंथोनी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई । कक्षा12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कालिंदी कालेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की फिर आगे फेयर फील्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, कापसहेड़ा (आई पी यूनिवर्सिटी) से बी.एड की पढ़ाई पूरी की ।
बीएड करते समय ही एफआइएमटी की डीन डॉक्टर सरोज व्यास के साथ एजुकेशन टूर पर वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान का दौरा किया था। डॉ. सरोज व्यास ने ही कहा कि बच्चों अगर आप आगे की पढ़ाई करना चाहते हो तो एम.एड वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान से करो। यहीं से देश की कई जानी मानी हस्तियां पढ़ कर गयी हैं जिसमे से एक राजनीति से जुड़ी महान हस्ती पूर्व लोकसभा अध्यक्षा रही मीरा कुमार भी है। देश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी भी यही से पढ़ी हैं। इन्ही सब बातों को सुश्री वैशाली आर्य ने मन में ठान लिया कि वो भी यही से पढ़ाई करेंगी और एक ऊंचा मुकाम हासिल
करेगी और अपने परिवार का नाम रोशन करेंगी। बीएड के करने के बाद महिलाओं की विश्व की दूसरे नंबर पर आने वाली यूनिवर्सिटी वनस्थली विद्यापीठ से एम.एड की पढ़ाई शुरू की। वैशाली आर्य ने दिन रात पढ़ाई कर मास्टर इन एजुकेशन विषय में गोल्ड मैडल हासिल करके देश में नाम रोशन किया। वैशाली आर्य ने एमएड के फाइनल सेमेस्टर में 98 प्रतिशत मार्क्स लाकर यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान हासिल कर अपने सपने को साकार कर दिखाया है। कहते है बेटी है तो कल है। बस आपकी हौसला अफजाई की जरूरत है। बेटियों को पढ़ने दो । बेटियों को आगे बढ़ने दो। इस उपलब्धि पर वैशाली के पिता मणि आर्य से जब बात की तो उन्होंने कहा पत्रकारिता के क्षेत्र में विषम परिस्थितियों के बावजूद भी बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न नही होने दिया। साथ ही ये भी कहा कि बच्चों की पढ़ाई में इनकी माँ मधु आर्य का विशेष महत्व रहा है उन्होंने कहा कि बेटी की इस जीत से आज मैं इतना खुश हूं कि समझ नही आ रहा कि अपनी खुशी कैसे जाहिर करूँ। सुश्री वैशाली के पिता ने यह भी बताया कि आज उनका बेटा वैभव आर्य भी एक डॉक्टर है और शुरू से ही मेरे दोनों बच्चों में पढ़ाई को लेकर एक होड़ मची रहती थी कि कौन ज्यादा नंबर लाएगा। सुश्री वैशाली आर्य ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा मेरा शुरू से ही एक सपना था कि मेरे कमरे की दीवार पर हर यूनिवर्सिटी की अलग अलग डिग्रियों हो जो आज पूरा हो गया। वहीँ एफ आई एम टी की डीन डॉ. सरोज व्यास का कहना है आज मुझे खुशी है कि मैं वैशाली आर्य की गुरु हूँ। डॉ. सरोज व अन्य सभी पारिवारिक मित्रों ने वैशाली के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।