फर्जी दस्तावेजों के सहारे विवाह पंजीकरण कराने और घर से नकदी व जेवरात लेकर फरार होने का मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सलेमपुर महदूद निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत में बताया कि बीते 25 दिसंबर 2024 को उसकी 22 वर्षीय बेटी अचानक घर से लापता हो गई थी। वह जाते समय घर में रखी करीब पांच लाख रुपये की नकदी और सोने के जेवरात भी साथ ले गई।
काफी खोजबीन के बाद जानकारी मिली कि बेटी शाहिद हसन नामक युवक के साथ चली गई है और दोनों ने विवाह कर लिया है। बाद में जानकारी मिली कि दोनों का विवाह आठ नवंबर 2024 को हरिद्वार तहसील में पंजीकृत हुआ है।
आरोप लगाया कि विवाह पंजीकरण के लिए प्रस्तुत किए गए निकाहनामे और उसके हिन्दी अनुवाद में भारी अंतर है। एक दस्तावेज में दूल्हे का नाम अमान मलिक और दुल्हन का नाम आयशा दर्ज है, जबकि अनुवाद में शाहिद हसन और जिकरा राव के नाम दर्ज हैं।
इतना ही नहीं, दोनों दस्तावेजों में गवाहों और अधिवक्ताओं के नाम भी अलग-अलग हैं। आरोप है कि शाहिद सहित पांच लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उसी के आधार पर विवाह पंजीकरण करवा लिया। इसके बाद हाईकोर्ट से सुरक्षा भी प्राप्त कर ली गई।
कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपित शाहिद हसन, जिकरा राव, वरीस राव, वसीम अहमद और हैदर अली निवासीगण सलेमपुर रानीपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।