नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पंचतत्व में विलीन, चित्रशिला घाट पर किया गया अंतिम संस्कार

हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश पंचतत्व में विलीन हो गईं। सोमवार को रानीबाग के चित्रशिला घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इससे पहले सुबह दर्शनों के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा गया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित भाजपा और कांग्रेस के कई नेता उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने पहुंचे। जिसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
डॉ. इंदिरा हृदयेश का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पर रखा गया। सीएम तीरथ सिंह रावत सहित भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में नैनीताल रोड से अंतिम दर्शन के लिए नेता प्रतिपक्ष इंदिरा की शव यात्रा निकाली गई। शव यात्रा के दौरान लोगों ने उनको नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। रानीबाग चित्रशिला घाट में उनके पुत्र बॉबी हृदयेश, सौरभ हृदयेश और सुमित हृदयेश ने चिता को मुखाग्नि दी। सोमवार सुबह से ही नैनीताल रोड स्थित उनके आवास संकलन में उनके अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस नेताओं, उनके समर्थकों और स्थानीय नेताओं का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, यशपाल आर्य और अरविंद पांडेय सहित कई नेता पहुंचे। सुबह करीब 10 इंदिरा के के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के स्वराज आश्रम लाया गया। यहां भी समर्थकों का तांता लगा रहा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल श्रद्धांजलि देने पहुंचे। स्वराज आश्रम से इंदिरा की शवयात्रा नैनीताल रोड होते हुए चित्रशिला घाट पहुंचीं। यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इंदिरा के चले जाने से हल्द्वानी का आम से लेकर खास हर नागरिक दुखी है। इंदिरा का रविवार को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिह रावत ने सोमवार को हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्वांजलि दी। अपनी संवेदना व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि डा0 हृदयेश ने पिछले चार दशकों से उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखण्ड की राजनीति मे बडी भूमिका निभाई है वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनैतिज्ञ तथा संसदीय ज्ञान की अच्छी जानकार थी। विकास कार्यो के लिए सदैव तत्पर रहती थी। उन्होने जीवन की आंखरी सांस तक जनसेवा की और विधायक, एमएलसी मंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष के रूप में सेवाएं देकर जनसेवा की विशाल विरासत को छोडा है। डा0 हृदयेश प्रदेश का एक मजबूत स्तम्भ रही है। उन्होंने कहा कि स्व0 इन्दिरा हृदयेश की स्मृति मे किसी बडे विकास कार्य का नामकरण किया जायेगा।

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