देहरादून में डकैती के मामले में बड़ी कार्रवाई,घटना में शामिल तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया

देहरादून में हुई डकैती के मामले में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बड़ी कार्रवाई की है। घटना में शामिल तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही थाना और सर्किल स्तर के अधिकारियों की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है और लूटी गई नकदी और फर्जी डालर भी बरामद किए हैं।

ऋषिकेश के प्रॉपर्टी डीलर से डकैती के मामले को पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने गंभीरता से लिया है। घटना में शामिल तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस महानिदेशक ने इस मामले पर जीरो टालरेंस नीति अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कानून सबके लिए एकसमान है। कानून से ऊपर कोई नहीं है, फिर चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो। चाहे फिर वह वर्दीधारी ही क्यों न हो। जो भी अपराध में संलिप्त होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आरोपित पुलिसकर्मियों की गतिविधियों के संबंध में थाना और सर्किल स्तर के अधिकारियों के शिथिल पर्यवेक्षण की भी जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि प्रेमनगर क्षेत्र में हुई डकैती कांड में तीन पुलिसकर्मियों समेत नौ आरोपितों की संलिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे लूटी गई नकदी और फर्जी डालरों की भी बरामदगी की गई है। यह वारदात सस्ते डालर देने के झांसे में फंसाकर लूटपाट करने की सुनियोजित साजिश थी।
 
ऋषिकेश के आदर्श ग्राम निवासी यशपाल सिंह असवाल ने थाना प्रेमनगर में तहरीर देकर बताया कि वह वह प्रापर्टी डीलिंग का कार्य करते हैं। कुछ समय पूर्व उनकी मुलाकात चमोली निवासी कुंदन नेगी से हुई थी। कुंदन ने उन्हें बताया कि उसके परिचित राजेश रावत, राजेश चौहान और राजकुमार चौहान के पास लगभग 20 हजार डॉलर हैं, जिन्हें वे कम दाम में बदलवा रहे हैं।

यशपाल के अनुसार कुंदन ने विश्वास में लेते हुए डॉलर का सौदा करीब आठ लाख रुपये में तय कराया। 31 जनवरी को कुंदन नेगी के कहने पर वह डॉलर का सौदा करने 7.50 लाख की रकम लेकर बालाजी मंदिर झाझरा के पास पहुंचे, जहां उन्हें राजेश रावत, राजेश चौहान, राजकुमार चौहान और दो अन्य लोग मिले। सौदा होने के बाद अचानक वहां दो व्यक्ति आ गए। जिन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया। उनमें से एक वर्दी में था। इस बीच सभी ने उन्हें डरा धमकाया और उनके पास रखा रुपये और डॉलर का बैग छीन लिया। इसके बाद मारपीट और गली गलौच कर वहां से भाग जाने को कहा। हालांकि आरोपित उन्हें ढाई लाख रुपये वापस कर गए।

यशपाल सिंह ने इसकी शिकायत प्रेमनगर थाने में की। थानाध्यक्ष गिरीश नेगी ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी के माध्यम से जानकारियां एकत्रित की तो तीन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई। रविवार देर रात डकैती की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपित पुलिस कर्मियों की पहचान आइआरबी द्वितीय झाझरा प्रेमनगर में तैनात जलालपुर पोस्ट टोडा कल्याणपुर थाना रुड़की हरिद्वार निवासी अब्दुल रहमान, डोबरी थाना-सहसपुर निवासी सालम, थाना प्रेमनगर में तैनात नैहनपुर लक्सर हरिद्वार निवासी इकरार के रूप में हुई।

जबकि अन्य आरोपितों में जोटाड़ी पोस्ट टीकोची थाना मोरी उत्तरकाशी निवासी राजकुमार, माकुड़ी पोस्ट टिकोची थाना मोरी उत्तरकाशी निवासी राजेश रावत, नंदा नगर चमोली निवासी कुंदन सिंह नेगी और कांडा तहसील अरहाल थाना रोहड़ू जिला शिमला निवासी राजेश कुमार चौहान शामिल हैं। आरोपितों के पास 2.30 लाख रुपये नकद और 500 डॉलर बरामद किए गए। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि सातों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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