काबुल। अफगानिस्तान में बिजली संकट गहरा गया है। तालिबान के आने और सरकार बनाने के बाद हालात और अधिक खराब हुए हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 80 फीसद बिजली की आपूर्ति पड़ोसी देशों या सेंट्रल एशियन सप्लायर के माध्यम से होती है। इसमें उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल है। इसके अलावा देश में नाघलू बांध पर मौजूद हाइड्रो पावर प्लांट देश का सबसे बड़ा पावर प्लांट है। यहां से करीब 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है जिससे देश के करीब 1 लाख घरों को रोशनी मिलती है। हालांकि एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि देश की करीब 60-70 फीसद की आबादी अंधेरे में ही अपना गुजर-बसर करती है।
वर्तमान की बात करें तो बुधवार को काबुल समेत दूसरे प्रांतों में बिजली की सप्लाई बाधित होने की वजह से ये अंधेरे में डूब गए। अफगानिस्तान स्टेट पावर कंपनी डा अफगानिस्तान ब्रेश्ना शेरकट (डीएबीएस) द्वारा जारी बयान के मुताबिक इसकी बड़ी वजह उजबेकिस्तान से आने वाली बिजली में आई तकनीकी खराबी थी। इसको दूर करने के उपाय फिलहाल किए जा रहे हैं। वहीं स्पूतनिक ने कहा है कि जब से तालिबान की सरकार देश में बनी है सेंट्रल एशियन इलेक्ट्रिसिटी सप्लायर की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। पैसे की दिक्कत की वजह से भी इस बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है।
DABAS के एक्टिंग हैड सफिउल्लाह अहमदजई का कहना है कि जब बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा तो देश को निर्बाध बिजली आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी। आपको बता दें कि तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान का बिजली बोर्ड भी इसके ही अधीन आ गया हे। फिलहाल पड़ोसी देशों से आने वाली बिजली के लिए अफगानिस्तान को करीब 62 मिलियन डालर की राशि चुकानी हे। डीएबीएएस के पूर्व अध्यक्ष दाऊद नूरजई का कहना है कि इस माह की शुरुआत में तालिबान बकाया राशि का चुकाने में नाकाम रहा है। यही वजह है कि काबुल की बिजली सप्लाई रुक गई है और राजधानी अंधेरे में डूब गई है। बकाया राशि को चुकाने के लिए अफगानिस्तान की पावर कंपनियों ने यूएन मिशन से संपर्क किया है और अपील की है कि उन्हें 90 मिलियन की राशि प्रदान की जाए जिससे वो सेंट्रल एशियन पावर सप्लायर को बकाया राशि का भुगतान कर सकें। आपको बता दें बिजली सप्लाई करने वाले देशों ने अफगानिस्तान को बकाया राशि के भुगतान के लिए तीन माह का समय दिया था, जो अब पूरा हो चुका है। तालिबान की सरकार बनने के बाद से अमेरिका ने विदेशी बैंकों में जमा अफगानिस्तान के धन की निकासी पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से भी देश की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। टोलो न्यूज के मुताबिक डीएबीएएस अब पूर्व सरकार के अधिकारियों और नामी लोगों की संपत्तियों को नीलाम करने पर विचार कर रहा है जिन्होंने लंबे समय से बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया है।