जेनेवा। अमेरिका और रूस समेत कई देशों में फिलहाल कोरोना संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं। महामारी के बढ़ते खतरे के बीच बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कई देश कोरोन वैक्सीन की बूस्टर डोज की आवश्यकता की सिफारिश कर चुके हैं। वहीं, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इसकी आवश्यकता को लेकर एक बैठक करने जा रहा है। 11 नवंबर को होने वाली इस बैठक में एक्सपर्ट्स का एक पैनल बूस्टर डोज की आवश्यकता को लेकर चर्चा करेगा।
समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के टीकाकरण, टीके और जैविक विभाग के निदेशक केट ओ’ब्रायन ने सोमवार को बताया कि वैज्ञानिक सलाहकार समूह (SAGE) 11 नवंबर को COVID-19 बूस्टर शाट्स की आवश्यकता पर चर्चा करेगा।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने इम्यूनो काम्प्रोमाइज्ड व्यक्तियों के लिए बायोएनटेक/फाइजर और माडर्ना टीके की बूस्टर खुराक के उपयोग की सिफारिश की थी। पिछले सोमवार को WHO ने बताया था कि वह आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) प्राप्त वैक्सीनों की बूस्टर डोज की जरूरत और यह कब दी जानी चाहिए, इसकी समीक्षा कर रहा है।
किसी खास वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए बूस्टर डोज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और मजबूत करने का काम करता है। यह उन लोगों को दी जाती है जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका होता है। बूस्टर डोज उसी वैक्सीन की हो सकती है जिसे व्यक्ति ने पहले लिया हो। यह शरीर में और ज्यादा एंटीबाडीज बनाती है और इम्यूनिटी का और ज्यादा मजबूत करती है।