आगरा। गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। डीएम ने मुख्य सेविका समेत 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही बाजार में पुष्टाहार बेचने के साक्ष्य मिलने पर दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और खरीदार को गिरफ्तार किया गया है। व्यवस्था की देखरेख में लापरवाही पर डीपीओ और सीडीपीओ के खिलाफ शासन को कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
27 सितंबर को जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय को सूचना मिली कि सरकारी राशन बाजार में बेचा जा रहा है। शाम को टीम ने नाई की मंडी के डेरा सरस स्थित प्रवीण अग्रवाल के घर में छापा मारा था। यहां पर सरकारी राशन की जगह बड़ी मात्रा में 24 कार्टन सोयाबीन आयल, सात कुंतल चने की दाल और पुष्टाहार बरामद हुआ। डीएसओ संजीव सिंह ने जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को सूचना दी। इसके बाद सामग्री जब्त कर प्रवीण अग्रवाल के खिलाफ एक अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कराया गया।
सीएम योगी तक पहुंचा मामला
मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। मंगलवार रात वीडियो कान्फ्रेंसिंग में उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने टीमें दौड़ाईं और 84 आंगनबाड़ी केंद्रों का सत्यापन कराया। डीएम ने बताया कि मुख्य सेविका अनीता शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मालती शिवहरे, भारती, इंदु शर्मा, कांता शर्मा सहित 13 को निलंबित किया है।
डीपीओ आदीश मिश्रा और बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे के विरुद्ध शासन को कार्रवाई की संस्तुति की है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया, प्रवीण अग्रवाल से पूछताछ के बाद पुष्टाहार बेचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हलका मदन नाई की मंडी की इंदु शर्मा और सदर भट्टी केंद्र की देवी को भी गिरफ्तार किया है। कार्रवाई जारी रहेगी।