- पूरी तरह से कनेक्टेड जीएसटी क्षमता के साथ कनेक्टेड अनुभव को बनाया और भी बेहतर
- नए टैलीप्राइम 5.0 के लॉन्च के साथ-साथ ग्लोबल मल्टी-लिंगुअल इंटीग्रेशन का किया विस्तार
देहरादून। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़-तेज़ी से विकसित होते एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण के साथ टैली सोल्युशन्स ने आज अपनी कनेक्टेड सर्विसेज़ को और बेहतर बनाते हुए नए टैलीप्राइम 5.0 का लॉन्च किया। बिज़नेस मैनेजमेन्ट सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाली जानी-मानी टेक्नोलॉजी कंपनी टैली ने एपीआई-संचालित टैक्स फाइलिंग के साथ अपनी कनेक्टेड सर्विसेज़ को नया आयाम दिया है। देश-विदेश में मिड-मास सेगमेन्ट के बिज़नेस के संचालन को सुगम बनाने के प्रयास में यह लॉन्च किया गया है।
‘कनेक्टेड जीएसटी’ से युक्त नया वर्ज़न सभी ऑनलाईन जीएसटी ऑपरेशन्स के लिए कंसोलिडेट इंटरफेस की तरह काम करेगा, जिसके लिए जीएसटी पोर्टल पर जाने की ज़रूरत नहीं होगी। यह लॉन्च टैली के कनेक्टेड अनुभव को और भी मजबूत बनाएगा, जिसमें ई-इनवॉयसिंग, ई-वे बिल जनरेशन और व्हॉट्सऐप इंटीग्रेशन आदि शामिल हैं। इसके अलावा मिडल ईस्ट और बांग्लादेश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए टैलीप्राइम 5.0 में अडवान्स्ड मल्टी-लिंगुअल क्षमता को भी शामिल किया गया है, जो फ़ोनेटिक सपोर्ट के साथ अरबी और बंगाली भाषाओं का इंटरफेस भी प्रदान करेगा।
नए वर्ज़न में कई फीचर्स शामिल हैं जैसे फास्ट डेटा अपलोड/ डाउनलोड के लिए जीएसटी पोर्टल का डायरेक्ट कनेक्ट’, जीएसटीआर1 रिटर्न फाइलिंग और न्यू रेकॉन फ्लेक्सिबिलिटी जिसमें टैली के अनूठे जीएसटीआर-1 रेकॉन और जीएसटीआर-3बी रेकॉन फीचर्स तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर रिस्क की पहचान और लेजर बनाना शामिल हैं। ये सभी फीचर ‘बुककीपिंग से लेकर रिटर्न फाइलिंग’ तक हर ज़रूरी सहयोग देते हुए इंटीग्रेटेड अनुभव प्रदान करते हैं।
टैली सोल्युशन्स के मैनेजिंग डायरेक्टर तेजस गोयंका ने कहा कि हम एमएसएमई के लिए बिज़नेस के संचालन को आसान बनाने के लिए अपनी टेक्नोलॉजी को लगातार इनोवेट कर रहे हैं। हमारी यह नई रिलीज़ भारतीय बिज़नसेज़ के लिए जीएसटी फाइलिंग को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। वर्तमान में बहुत कम ऐसे बिज़नसेज़ हैं जो एपीआई-आधारित फाइलिंग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हम इस स्थिति को बदल देना चाहते हैं। अपने नए लॉन्च के साथ हम एमएसएमई के लिए जीएसटी फाइलिंग को आसान बनाएंगे, ताकि उनका 60-70 फीसदी समय बच सके। यह रिलीज़ उनके सप्लायर्स के जीएसटी का रियल टाईम स्टेटस देकर उनके आईटीसी को सुरक्षित रखने में भी कारगर होगी।