चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सांसद, विधायको को दिया जीत मंत्र

बरेली।  विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों के दृष्टिगत भाजपा के ब्रज प्रांत के सांसद, विधायकों और जिला प्रभारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के बहाने जीत का मंत्र दिया। चुनाव से पहले जनसमस्याओं को खत्म करने पर केंद्रित इस बैठक में बरेली के जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों की समस्याएं, सड़क के गड्ढे, बिजली कटौती जैसे बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में बरेली को लेकर सबसे बड़ा मुद्दा एम्स स्तर का अस्पताल रहा। जिसे पहले शहर विधायक डा. अरुण कुमार, फिर मीरगंज विधायक डा. डीसी वर्मा और भाेजीपुरा के विधायक बहोरन लाल मौर्य ने भी उठाया।

ब्रज क्षेत्र में शामिल बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, हाथरस, आगरा, कासगंज समेत 16 जिलों के सांसद, विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्रों के अधूरे प्रोजेक्ट पर चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि विकास के प्रोजेक्ट स्वीकृत होने के बाद सिर्फ बजट आवंटन नहीं होने से अधूरे नहीं रहेंगे। उन्होंने चुनाव से पहले जनसमस्याओं के बहाने जनप्रतिनिधियों की तैयारियों का भी जायजा लिया। स्मार्ट सिटी में एमएलए, एमएलसी को सदस्य बनाए। आर्थिक कमजोर नागरिकों के लिए 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देनी चाहिए। किसानों को 500 रुपये तक बिजली फ्री दी जाए। किसानों को ट्यूबवेल लगवाने पर छूट के साथ सांसद और विधायक 10-10 ट्यूबवेल लगवाने की व्यवस्था होनी चाहिए। सेना भर्ती खोली जाए। कटरा-शाजहांपुर रेल लाइन पर ओवरब्रिज जल्द बने। 43 किमी लंबी रिंग रोड शहर के बाहर बनाई जाए। कोरोना काल के मृतकों की जांच रिपोर्ट जारी हो।

एम्स अस्पताल बरेली में बनने के बाद पुरे रूहेलखंड को फायदा देगा। विकास के कई प्रोजेक्ट स्वीकृत होने के बाद सिर्फ बजट आवंटन में अटके हैं। उनके लिए बजट आवंटित किया जाए। बिजली के खंभे लगाए जाएं। टूटी हुई सड़कों से लेागों को परेशानी हो रही है। उन्हें जल्दी बनवाया जाए। बरेली को औद्योगिक हब बनाया जा सकता है। इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।

बाबा कैलाशमढ़ी पुल की फाइल स्वीकृत है। बजट जारी होना है। दो करोड़ 59 लाख लागत को रोडवेज बस अड्डा फतेहगंज पश्चिमी में स्वीकृत है। धन आवंटन होना चाहिए। नरखेड़ा पुल का 18 करोड़ जारी होने से पुल का निर्माण शुरू हो सकेगा। इस बार आरएफसी के तीन केंद्र मीरगंज खोल दिए गए। जबकि अलग-अलग खोले जाने पर किसानों को फायदा होता। इन्हें सुदूर क्षेत्रों में बनाया जाना चाहिए। इससे किसानो को फायदा होगा। पिछली छह अक्टूबर को बारिश और तेज हवाओं से किसानों की धान की फसल चौपट हो गई। किसानों का बहुत नुकसान हुआ। सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। बिजलीघर आंवला में स्वीकृत है। उसका निर्माण जल्दी शुरू कराया जाए। रबी की फसल की बुआई से पहले पोटाश और डीएपी खाद की जरूरत किसानों को हाेती है। व्यवस्था होनी चाहिए। सुदूर में भी धान क्रय केंद्र खोले जाएं।

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