किसानों को कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए राज्य और जनपद स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएं- सीएम

  • किसानों को कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए राज्य और जनपद स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएं- सीएम
  • सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए।
  • राज्य में पॉलीहाउस के निर्माण में लाई जाए तेजी ।
  • राज्य में प्राकृतिक खेती को दिया जाए बढ़ावा।

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को और तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ एक पैकेज के रूप में मिले। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस योजना सहायक सिद्ध होगी, इनके निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से राज्य में पॉलीहाउस का निर्माण किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना से किसानों को लाभान्वित किया जाए। इस योजना के तहत अनेक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को तेजी से जोड़ने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट को बढ़ावा देने के लिये और कारगर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि क्षेत्र बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक साल का एक्शन प्लान बनाया जाए। उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेब के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सेब और कीवी उत्पादन में वृद्धि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में गैम चेंजर साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं है। ऐरोमैटिक सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अभी तक 28 महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना से जोड़ गया है, इस वर्ष इस योजना से 280 महिलाओं को जोड़ा जायेगा। स्टैट मिलेट मिशन नीति के तहत वर्तमान में 01 हजार महिलाओं के समूह गठित किये गये हैं, 2025 तक इन समूहों की संख्या 03 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 05 हजार महिला कृषकों को स्वरोजगार के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। चाय उत्पादन और संगंध कृषि एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए कृषि और उद्यान के क्षेत्र में ई- सुविधा की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। राज्य में ‘तिमरू द उत्तराखण्ड’ परफ्यूम लांच किया गया है जिसकी प्रधानमंत्री ने भी सराहना की। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि इौर औद्यानिकी का वार्षिक कलेण्डर भी जारी किया गया है। 2027 तक राज्य में 23342 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 8500 पॉलीहाउस बनाये गये हैं।
बैठक में कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव श्री रणवीर सिंह चौहान, श्री आनंद स्वरूप, सुश्री दीप्ति सिंह, निदेशक सगंध पौध केंद्र श्री नृपेन्द्र चौहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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